भारत में अगस्त तक खिंच सकता है कोरोना का कहर, 25 लाख लोगों में हो सकता है इन्फेक्शन

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत में कोरोना का कहर अभी 4 महीने तक और परेशान करेगा. इस रिपोर्ट में कोरोना को मात देने के तरीके भी बताए गए हैं. इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी की अपील पर भारत में लॉकडाउन कर दिया गया है.

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत में कोरोना का कहर अभी 4 महीने तक और परेशान करेगा. इस रिपोर्ट में कोरोना को मात देने के तरीके भी बताए गए हैं. इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी की अपील पर भारत में लॉकडाउन कर दिया गया है.

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Sunil Mishra
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भारत में अगस्त तक खिंच सकता है कोरोना का कहर( Photo Credit : File Photo)

भारत में कोरोना वायरस (Corona Virus) के संक्रमण को लेकर जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी (john hopkins university) और द सेंटर फॉर डिजीज डायनेमिक्स, इकॉनमिक्स एंड पॉलिसी (CDDEP) ने एक रिपोर्ट तैयार की है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के लिए खतरा अभी टला नहीं है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत में कोरोना का कहर अभी 4 महीने तक और परेशान करेगा. इस रिपोर्ट में कोरोना को मात देने के तरीके भी बताए गए हैं. इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी की अपील पर भारत में लॉकडाउन कर दिया गया है. लोगों को घरों के बाहर ना निकलने की सलाह दी गई है.

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रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में कोरोना इस साल जुलाई या अगस्त तक खत्म होगा. इसके अनुसार पूरे देश में लोग अप्रैल के दूसरे हफ्ते से मई के दूसरे हफ्ते तक कोरोना से संक्रमित होने के चलते अस्पताल में भर्ती होंगे. फिर जुलाई के दूसरे हफ्ते तक यह संख्या कम होने लगेगी और फिर अगस्त तक इसके पूरी तरह से खत्म होने की उम्मीद है. यह भी बताया गया है कि भारत में कोरोना वायरस से करीब 25 लाख लोग संक्रमित होंगे.

रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना वायरस का संक्रमण फैला तो कम से कम 10 लाख वेंटिलेटर्स की जरूरत होगी और अभी यहां सिर्फ 30-35 हजार वेंटिलेटर ही हैं. अमेरिका में 1.60 लाख वेंटिलेटर हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि वृद्ध जन सोशल डिस्टेंसिंग का खयाल रखें. जितना ज्यादा लॉकडाउन होगा उतने ही लोग बचे रहेंगे. सोशल डिस्टेंसिंग को छोड़कर और कोई रास्ता नहीं है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के सभी अस्पतालों को तीन माह तक काफी मेहनत करनी होगी. भारत को भी अन्य देशों कि तरह अस्थायी अस्पताल बनाने होंगे. यह भी ध्यान रखना होगा कि अस्पतालों से संक्रमण न फैले. कहा गया है कि भारत में चल रही जांच की प्रक्रिया भी धीमी है. ऐसे में अभी आंकड़े सामने नहीं आ पाये हैं.    

Source : News Nation Bureau

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