Corna Virus: उच्चतम न्यायालय का स्टाफ ‘पीएम केयर्स’ कोष में तीन दिन का वेतन देगा

उच्चतम न्यायालय के रजिस्ट्रार (नकदी और लेखा) राजेश कुमार गोयल द्वारा जारी एक परिपत्र के अनुसार सभी राजपत्रित अधिकारी अपने तीन दिन का वेतन दान करेंगे जबकि गैर राजपत्रित कर्मचारी दो दिन और वर्ग ‘सी’ के कर्मचारी एक दिन का वेतन आपात स्थिति में प्रधानमंत्

उच्चतम न्यायालय के रजिस्ट्रार (नकदी और लेखा) राजेश कुमार गोयल द्वारा जारी एक परिपत्र के अनुसार सभी राजपत्रित अधिकारी अपने तीन दिन का वेतन दान करेंगे जबकि गैर राजपत्रित कर्मचारी दो दिन और वर्ग ‘सी’ के कर्मचारी एक दिन का वेतन आपात स्थिति में प्रधानमंत्

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Ravindra Singh
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सुप्रीम कोर्ट( Photo Credit : फाइल)

कोरोनावायरस (Corona Virus) महामारी से उत्पन्न स्थिति से निबटने के लिये  सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के अधिकारी और कर्मचारी तीन दिन का वेतन ‘पीएम केयर्स’ कोष में देंगे. उच्चतम न्यायालय के रजिस्ट्रार (नकदी और लेखा) राजेश कुमार गोयल द्वारा जारी एक परिपत्र के अनुसार सभी राजपत्रित अधिकारी अपने तीन दिन का वेतन दान करेंगे जबकि गैर राजपत्रित कर्मचारी दो दिन और वर्ग ‘सी’ के कर्मचारी एक दिन का वेतन आपात स्थिति में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष (पीएम केयर्स) में देंगे.

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कर्मचारियों के इस योगदान की राशि की कटौती उनके मार्च महीने के वेतन से की जायेगी. न्यायालय के इस परिपत्र में कहा गया है, ‘हम सभी इस महामारी (कोविड-19) के बारे में जानते हैं जिसने समूची दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है, यह दुनिया भर के लाखों लोगों के लिये गंभीर चुनौती पैदा कर दी है और भारत इसकी अपवाद नहीं है. ऐसे समय में जब कोरोनावायरस (Corona Virus) हमारे देश के सामने बेहद गंभीर स्वास्थ्य और आर्थिक समस्यायें पैदा कर रहा है, यह जरूरी है कि मानवता की रक्षा के लिये हम उदारता के साथ दान दें.’

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31 मार्च को न्यायालय को इसके बारे में दें सूचना
इसमें कहा गया है कि न्यायालय के अधिकतर अधिकारियों ने इस पवित्र कार्य के लिये योगदान करने की इच्छा व्यक्त की है, इसलिए यह निर्णय लिया गया कि वे ‘पीएम केयर्स’ कोष में अपना योगदान कर सकते हैं. परिपत्र में कहा गया है कि इस कोष के लिये योगदान स्वैच्छिक होगा और जो इसमें योगदान नहीं करना चाहते हैं उन्हें 31 मार्च की सुबह 10 बजे तक न्यायालय को इस बारे में सूचित करना होगा. 

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सुप्रीम कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की सुनवाई
लॉक डाउन के दौरान बड़ी संख्या में शहरों से पैदल गांव लौट रहे मज़दूरों की स्थिति पर SC वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई की. एक वकील अलख आलोक श्रीवास्तव की ओर से दायर याचिका में इन लोगों को भोजन और मेडिकल सुविधा मुहैया करवाए जाने की मांग की गई है. साथ ही, सबको तुरंत सरकारी इमारतों में आश्रय देने की मांग भी की गई है. कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर सुनवाई वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये की गई. चीफ जस्टिस एस ए बोबड़े और नागेश्वर राव की बेंच अपने घर पर बने दफ्तर से सुनवाई की. वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने भी घर से जिरह की.

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सरकार की रिपोर्ट का इंतजार कीजिएः सुप्रीम कोर्ट
सुनवाई के दौरान SG तुषार मेहता ने कहा हर सम्भव कदम केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से उठाये जा रहे हैं. हम स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करेंगे. इस पर वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने कहा, राज्यों में समन्वय की कमी है. यूपी सरकार ने दो दिन पहले यूपी बार्डर से लोगों को ले जाने के लिए बसें चलाई, फिर रोक दी. कोर्ट ने कहा, हमने नोटिस किया है. आपकी याचिका में जो बातें कह गई है, सरकार उन पर पहले से कदम उठा रही है. सरकार जो रिपोर्ट दाखिल करेगी, उसका इतंज़ार कीजिए.

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