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गले की नाप ली गई तो हिल गए निर्भया कांड के चारों दोषी, फूट-फूटकर रोने लगे

एक दिन पहले बुधवार को निर्भया कांड के दोषियों (मुकेश सिंह, अक्षय ठाकुर, विनय शर्मा और पवन गुप्‍ता) को फंदे पर लटकाने के लिए गले की नाप ली गई. इस दौरान चारों दोषी बुरी तरह हिल गए और फूट-फूटकर रोने लगे.

Updated on: 16 Jan 2020, 10:55 AM

नई दिल्‍ली:

भले ही निर्भया केस के दोषियों को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी पर लटकाने को लेकर संशय कायम हो गया है, लेकिन जेल में अधिकारी पूरी तैयारी में जुटे हैं. एक दिन पहले बुधवार को निर्भया कांड के दोषियों (मुकेश सिंह, अक्षय ठाकुर, विनय शर्मा और पवन गुप्‍ता) को फंदे पर लटकाने के लिए गले की नाप ली गई. इस दौरान चारों दोषी बुरी तरह हिल गए और फूट-फूटकर रोने लगे.

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माहौल इतना संवेदनशील हो गया कि जेल अधिकारियों को उन्‍हें चुप कराने और सांत्‍वना दिलाने के लिए काउंसलर तक बुलाने पड़े. 'टाइम्‍स ऑफ इंडिया' की खबर के मुताबिक, काउंसलर की इसलिए मदद लेनी पड़ी की ये लोग कोई गलत कदम न उठा लें. इससे पहले डमी फांसी के दौरान रेत के बोरों का इस्‍तेमाल किया गया, जिसका भार दोषियों के वजन से तकरीबन डेढ़ गुना ज्‍यादा था.

निर्भया सामूहिक बलात्कार (Nirbhaya Gangrape) और हत्याकांड के चार दोषियों में से किसी ने अभी तक तिहाड़ जेल अधिकारियों को सूचित नहीं किया है कि वे अपने परिवार से अंतिम बार कब मिलना चाहेंगे. हालांकि दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) में दिल्ली सरकार की ओर से आज दी गई दलीलों के बाद 22 जनवरी को चारों को फांसी दिये जाने की संभावना कम ही है. जेल अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि चारों में से किसी पर भी अभी परिजनों से मिलने पर रोक नहीं है.

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एक अधिकारी ने बताया कि दोषियों में से एक अक्षय कुमार सिंह अपनी पत्नी से फोन पर बात करता है लेकिन वह नवंबर, 2019 के बाद उससे मिलने नहीं आयी है. कारण पूछने पर अक्षय ने जेल अधिकारियों को बताया कि वह तभी आएगी जब वह बुलाएगा. एक अधिकारी ने बताया, ‘‘उन्हें परिवार से मिलने की अनुमति है और अभी तक परिजन से मिलने पर कोई रोक नहीं है.’’