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धर्मांतरण प्रकरण : साइन लैंग्वेज शिक्षकों को सिंडिकेट में शामिल करने की थी साजिश

धर्म परिवर्तन के मामले में दिल्ली-एनसीआर के मूक-बधिर स्कूल के छात्रों के साथ-साथ साइन लैंग्वेज शिक्षक भी धर्मांतरण सिंडिकेट के निशाने पर थे. मूक-बधिर छात्रों का धर्मांतरण कराने के लिए साइन लैंग्वेज शिक्षक की जरूरत थी.

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Dalchand Kumar
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धर्मांतरण: साइन लैंग्वेज टीचरों को गिरोह में शामिल करने की थी साजिश( Photo Credit : फाइल फोटो)

धर्म परिवर्तन के मामले में दिल्ली-एनसीआर के मूक-बधिर स्कूल के छात्रों के साथ-साथ साइन लैंग्वेज शिक्षक भी धर्मांतरण सिंडिकेट के निशाने पर थे. मूक-बधिर छात्रों का धर्मांतरण कराने के लिए साइन लैंग्वेज शिक्षक की जरूरत थी. नोएडा डेफ सोसाइटी के एक पूर्व शिक्षक की तलाश एटीएस की टीम कर रही है. वहीं, एटीएस की जांच में यह बात सामने आई है कि दिल्ली एनसीआर के साइन लैंग्वेज पढ़ाने वाले शिक्षक व ऐसे शिक्षकों की ट्रेनिंग देने वाले इंस्टीट्यूट के बारे में गिरफ्तार दोनों आरोपियों ने कुछ जानकारी दी है. इसके बाद एटीएस की जांच इस दिशा में भी चल रही है. मूक-बधिर छात्रों के लिए साइन लैंग्वेज शिक्षक बुलाने की भी कवायद शुरू किए जाने की जानकारी मिली है.

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आईएसआई के इस मॉड्यूल के तहत मूक-बधिर छात्रों को धर्मांतरण के लिए प्राथमिकता पर रखा गया था. इसके तहत नोएडा डेफ सोसाइटी को केंद्र में लेकर यहां के एक साइन लैंग्वेज शिक्षक से संपर्क किया गया था. एटीएस उस शिक्षक को गिरफ्तार करने में जुटी हुई है. इसी जांच के क्रम में पता चला कि इस सिंडिकेट के निशाने पर कई मूक-बधिर स्कूल थे और उनके छात्रों को साइन लैंग्वेज से ही कुछ सिखाया पढ़ाया जा सकता है. ऐसे छात्रों के धर्मांतरण के लिए भी साइन लैंग्वेज शिक्षक की जरूरत थी. इसके बाद सिंडिकेट के लोग धीरे-धीरे आंतरिक रूप से साइन लैंग्वेज के शिक्षकों को साथ जोड़ने का प्रयास करने लगे. इसके तहत दिल्ली स्थित सेंटर की तरफ से साइन लैंग्वेज शिक्षकों की तलाश शुरू की गई थी. इसमें कितने साइन लैंग्वेज शिक्षकों से संपर्क किया गया और कितने लोगों से बातचीत हुई. इसकी जांच एटीएस की टीम कर रही है.

शिक्षक पर धर्मांतरण की ट्रेनिंग देने की आशंका

एटीएस की टीम नोएडा डेफ सोसाइटी के एक संदिग्ध शिक्षक व स्टाफ  की तलाश में लगी हुई है. बुधवार को भी पुलिस ने कई स्थानों पर दबिश दी, लेकिन पता नहीं चला. एटीएस ने संदिग्ध शिक्षक व स्टाफ की पूरी कुंडली निकाल ली है. जांच में यह भी आशंका जताई जा रही है कि जिस साइन लैंग्वेज शिक्षक की भूमिका संदिग्ध है. उसी ने स्कूल के छात्रों को धर्मांतरण की ट्रेनिंग दी यानी साइन लैंग्वेज शिक्षक ने अपने तरीके से डेफ स्कूल के छात्रों को धर्मांतरण कराने के लिए सिखाया और उन्हें प्रेरित किया.

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डेफ सोसाइटी से संबद्ध सभी छात्रों की ली गई जानकारी

एटीएस ने नोएडा डेफ सोसाइटी से जुड़े सभी छात्रों व स्टाफ, शिक्षकों आदि की जानकारी ली है. नोएडा डेफ सोसाइटी वर्ष 2005 से चल रही है. जम्मू-कश्मीर से लेकर कुछ अन्य राज्यों के छात्रों के यहां से कागजात मिले हैं. उसके बारे में भी जांच की जा रही है.

नोएडा डेफ सिटी बिल्डिंग पुलिस की निगरानी में

सेक्टर-117 स्थित नोएडा डेफ सिटी सोसाइटी की बिल्डिंग नोएडा पुलिस की निगरानी में है. यहां किसी के आने जाने की अनुमति नहीं है. बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर दो पुलिसकर्मी तैनात हैं और बिल्डिंग के अंदर दो मूक-बधिर स्टाफ मौजूद हैं. बिल्डिंग के मुख्य द्वार पर ताला लगा हुआ है. इसके बगल में एक छोटा गेट है जिससे पुलिसकर्मी आवागमन कर रहे हैं. इसके अतिरिक्त स्थानीय पुलिस चौकी के पुलिसकर्मी व पीसीआर भी वहां मौजूद है. यहां पर पुलिस अधिकारी भी आकर जायजा ले रहे हैं.

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