धर्मांतरण केसः उमर गौतम को सांसद बदरुद्दीन अजमल ने भी की फंडिंग, जाकिर नाइक से भी संबंध
इस गैंग का मास्टर माइंड मौलाना उमर गौतम कई बार ज़ाकिर नाइक से मिल चुका है. इतना ही नहीं मौलाना उमर को कई बार उससे फंडिंग भी मिल चुकी है. वहीं उमर गौतम ने सांसद बदरुद्दीन अजमल के द्वारा फंडिंग होने का भी खुलासा किया है.
highlights
- उमर गौतम ने खुद कबूली है 1000 लोगों के धर्मांतरण की बात
- मूक-बधिर बच्चों के जरिए फैलाया जा रहा था धर्मांतरण का जहर
- इस्लामिक डाटा सेंटर को कई देशों से फंडिंग का हुआ खुलासा
नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. जानकारी के मुताबिक, मामले में छानबीन कर रही पुलिस के हाथों कई ऐसे सबूत लगे हैं, जिनसे इस मामले के तार इंग्लैंड और सिंगापुर तक जुड़ रहे हैं. इस मामले में लगातार नए खुलासे सामने आ रहे हैं. अब जांच में पता चला है कि इस गैंग का मास्टर माइंड मौलाना उमर गौतम कई बार ज़ाकिर नाइक से मिल चुका है. वह जाकिर नाइक के करीबी सहयोगियों से हैं. इतना ही नहीं मौलाना उमर को कई बार उससे फंडिंग भी मिल चुकी है. वहीं उमर गौतम ने सांसद बदरुद्दीन अजमल के द्वारा फंडिंग होने का भी खुलासा किया है.
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ग्लोबल पीस सेंटर से भी संबंध
जांच में सामने आया है कि उमर गौतम का दिल्ली के ग्लोबल पीस सेंटर के साथ भी घनिष्ठ संबंध हैं. जिसे मौलाना कलीम सिद्दीकी द्वारा संचालित किया जाता है. कलीम सिद्दीकी खास तौर पर मेवात क्षेत्र में धर्मांतरण गतिविधियों में शामिल है. वह महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में कार्यरत एक शख्स को जरूरतमंद मूक-बधिर युवाओं और महिलाओं की डिटेल मुहैया करवा रहा था जिन्हें आर्थिक मदद देकर धर्मांतरण के लिए टारगेट किया जाता था. इस्लामिक दावा सेंटर (IDC) का कतर के सलाफी उपदेशक डॉ बिलाल फिलिप्स द्वारा स्थापित इस्लामिक ऑनलाइन विश्वविद्यालय के साथ संबंध हैं जो जाकिर नाइक का सहयोगी हैं.
कहां से होगी थी फंडिंग
सूत्रों के मुताबिक जांच में सामने आया है कि IDC को अमेरिका कतर कुवैत के NGO से विदेशी फंडिंग होती थी इस पैसे को दिल्ली के फातिमा चैरिटेबल फाउंडेशन, लखनऊ की अल हसन एजुकेशन एंड वेलफेयर फाउंडेशन, फरीदाबाद के मेवात ट्रस्ट फॉर एजुकेशनल वेलफेयर, मुम्बई के मरकजुल मारीफ, दिल्ली के ह्यूमन सॉलिडेरिटी फाउंडेशन समेत कई भारत की FCRA registerd NGO के ज़रिए IDC में भेजा जाता था. उमर गौतम ने सांसद बदरुद्दीन अजमल के द्वारा फंडिंग होने का भी खुलासा किया है.
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20 जून को हुआ था खुलासा
गौरतलब है कि 20 जून को यूपी एटीएस ने कमजोर और सीमांत वर्गों को हिंदुओं का धर्मांतरण कराने वाले एक रैकेट का खुलासा किया था. यूपी पुलिस ने इस्लामिक दावा सेंटर के अध्यक्ष उमर गौतम और काजी मुफ्ती जहांगीर आलम (धर्मांतरण से संबंधित कानूनी दस्तावेज बनाने में शामिल) नाम के दो लोगों को गिरफ्तार किया था.
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