Advertisment

ममता के मेडिसिन में 3 साल का डिप्लोमा शुरू करने के प्रस्ताव पर विवाद

ममता के मेडिसिन में 3 साल का डिप्लोमा शुरू करने के प्रस्ताव पर विवाद

author-image
IANS
New Update
Controvery a

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

Advertisment

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को राज्य के स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम को राज्य में मेडिसिन में तीन साल का डिप्लोमा कोर्स शुरू करने की संभावनाएं तलाशने का निर्देश दिया, जो एमबीबीएस के मौजूदा स्नातक पाठ्यक्रम के समानांतर चलेगा।

उन्होंने स्वास्थ्य सचिव को इस संबंध में डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू करने की संभावनाओं का मूल्यांकन करने के लिए एक समिति गठित करने का निर्देश दिया।

हालांकि, उनके प्रस्ताव ने विपक्षी दलों के बीच विवाद पैदा कर दिया और चिकित्सा बिरादरी के एक वर्ग ने इस निर्णय को जोखिम भरा प्रस्ताव बताया।

मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हालांकि राज्य में कई अस्पताल बन रहे हैं, लेकिन वहां डॉक्टरों की भारी कमी है। उन्होंने कहा, इसलिए, हमें यह जांचना होगा कि क्या इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के अनुरूप चिकित्सा में तीन वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू किया जा सकता है। उस स्थिति में कई छात्र भी उस पाठ्यक्रम का अध्ययन कर सकेंगे।

उन्होंने यह भी कहा कि चूंकि मौजूदा एमबीबीएस कोर्स पांच साल की अवधि का है, इसलिए अक्सर राज्य सरकार को योग्य डॉक्टरों को पाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। ममता ने कहा, अस्पतालों और बिस्तरों की संख्या कई गुना बढ़ गई है। यदि एक समानांतर डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू किया जा सकता है, तो वहां योग्य लोगों का उपयोग स्वास्थ्य केंद्रों में किया जा सकता है। मुझे लगता है कि इसके सकारात्मक परिणाम मिलेंगे।

भाजपा के राज्य प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि यह मुख्यमंत्री का प्रस्ताव बना रहेगा और कभी भी दिन के उजाले को नहीं देखेगा। उन्होंने कहा, यह एक खतरनाक प्रस्ताव है।

कांग्रेस नेता और कलकत्ता उच्च न्यायालय के वकील कौस्तव बागची ने कहा कि पुलिस में नागरिक स्वयंसेवकों की तर्ज पर मेडिसिन में डिप्लोमा के मुख्यमंत्री के प्रस्ताव को अगर अमल में लाया जाता है, तो इससे कई रोगियों का जीवन खतरे में पड़ जाएगा।

यहां तक कि चिकित्सा बिरादरी ने भी इस विचार का कड़ा विरोध किया है। कलकत्ता के डॉक्टर डॉ. अरिंदम बिस्वास के अनुसार, यह मॉडल, हालांकि एक हद तक चीन में मौजूद है, भारत में इसे दोहराया नहीं जा सकता।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

Advertisment
Advertisment
Advertisment