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तिरंगे पर बयान से बढ़ा विवाद, विधायकों ने विधानसभा में ही लगाया बिस्तर  

विपक्ष के नेता सिद्धारमैया और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार, कांग्रेस विधायकों ने गुरुवार सुबह तक ईश्वरप्पा को बर्खास्त करने के लिए सत्तारूढ़ भाजपा सरकार को समय सीमा दी थी.

Updated on: 18 Feb 2022, 02:22 PM

highlights

  • पंचायती राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा के तिरंगे पर बयान को लेकर बढ़ा विवाद
  • कर्नाटक कांग्रेस के विधायकों ने राज्य विधानसभा में रातभर विरोध प्रदर्शन किया
  • ईश्वरप्पा को बर्खास्त करने के लिए भाजपा सरकार को दी थी समय सीमा 

बेंगलुरु:

कर्नाटक के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा ( KS Eshwarappa) के तिरंगे पर बयान को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. कर्नाटक कांग्रेस के विधायकों ने राज्य विधानसभा में ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा के भगवा ध्वज टिप्पणी पर इस्तीफे की मांग को लेकर रात भर विरोध प्रदर्शन किया. ईश्वरप्पा को बर्खास्त करने और राष्ट्रीय ध्वज पर उनके बयान के लिए देशद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग कर रहे कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा में ही रात गुजारी. कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन का आज दूसरा दिन है.

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विपक्ष के नेता सिद्धारमैया और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार, कांग्रेस विधायकों ने गुरुवार सुबह तक ईश्वरप्पा को बर्खास्त करने के लिए सत्तारूढ़ भाजपा सरकार को समय सीमा दी थी. ईश्वरप्पा ने पहले यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि एक दिन लाल किले पर भगवा झंडा फहराया जाएगा. इस बीच, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कांग्रेस को फटकार लगाई और कहा कि यह सबसे पुरानी पार्टी है जो "देशद्रोही गतिविधियों में लिप्त है और अपने स्वयं के राजनीतिक लाभ के लिए मुद्दे पैदा कर रही है. ऐसी स्थिति (रातभर धरना) विधानसभा के इतिहास में नहीं हुई है. हमने पहले भी लोगों के मुद्दों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया है. कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन में लोगों का कोई मुद्दा नहीं है. वे राजनीतिक फायदे के लिए ऐसा कर रहे हैं. वे सभी विधायकों के अधिकारों का हनन कर रहे हैं. उन्होंने कहा, स्कूल-कॉलेजों में असमंजस की स्थिति है. हमें यहां से स्पष्टता देनी चाहिए, लेकिन कांग्रेस इन बच्चों का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं (कुछ सार्वजनिक संस्थानों में हिजाब के प्रदर्शन पर रोक लगाने के आदेश का विरोध कर रहे हैं). वे एक बार देशद्रोही गतिविधियां कर रहे हैं.

सीएम बोम्मई, पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा और अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी गुरुवार को व्यक्तिगत रूप से गए और विधानसभा में कांग्रेस नेताओं से मिले और आंदोलन को समाप्त करने का अनुरोध किया. हालांकि, कांग्रेस नेताओं ने अपना रुख नरम करने से इनकार कर दिया. बोम्मई ने कहा, विपक्ष ने मंत्री ईश्वरप्पा के बयान को गलत समझा है और लोगों के बीच गलत धारणा बनाने की कोशिश कर रहा है.  यह इस मुद्दे पर जनविरोधी रवैया दिखा रहा है. ईश्वरप्पा के बयान में कुछ भी गलत नहीं है. इसमें कानून के खिलाफ कोई पहलू नहीं है. बोम्मई ने कहा, विपक्ष ने इसे बड़ा मुद्दा बना दिया है क्योंकि उनके पास और कोई मुद्दा नहीं है. वे अकारण ही दिन-रात धरना दे रहे हैं. यह एक जिम्मेदार विपक्ष के काम करने का तरीका नहीं है. यह पूरी तरह से अपनी जिम्मेदारी भूल गया है.  उनका मानना ​​है कि इससे उन्हें राजनीतिक लाभ होगा, लेकिन इससे उन्हें कोई लाभ नहीं मिलेगा.