तृणमूल कांग्रेस के विवादास्पद नेता अनुव्रत मंडल ने सोमवार को घोषणा की कि वह इस साल दिवाली में देवी काली की मूर्ति को सजाने के लिए 6 किलो से अधिक सोने के गहनों का इस्तेमाल कर रहे हैं। काली पूजा का आयोजन वह 2011 में पार्टी के सत्ता में आने के बाद से लगातार करते रहे हैं।
उन्होंने यहां मीडियाकर्मियों से कहा, इस साल 520 भोरी (6 किलो से अधिक) वजन के गहने होंगे। पिछले साल हमने 350 भोरी (4 किलो से अधिक) के गहने काली को पहनाए थे।
यह पूछे जाने पर कि यह आभूषण कहां से आता है, मंडल ने कहा, लोग प्यार से देवी को देते हैं और मैं गहनों का संरक्षक हूं।
तृणमूल के बीरभूम जिला पार्टी प्रमुख मंडल 2018 में तब सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने देवी को सजाने के लिए 2 किलो से अधिक सोने का इस्तेमाल किया था।
साल 2019 में उन्होंने मूर्ति को सजाने के लिए 3 किलो से अधिक और 2020 में 4 किलो से अधिक सोने का इस्तेमाल किया। हालांकि, पिछले दो वर्षो में उन्होंने अपने परिवार में महामारी और मौतों के कारण काली पूजा के दौरान मूर्ति की सजावट में भाग लेने से परहेज किया।
मंडल के करीबी सूत्रों के मुताबिक, इस साल तृणमूल नेता ने मूर्ति को 2.5 करोड़ रुपये से अधिक के आभूषणों से खुद सजाया है।
मंडल ने कहा, पिछले दो वर्षो में मैं अपने परिवार में मृत्यु के कारण मूर्ति को खुद नहीं सजा सका। मैं दुखी था, लेकिन इस साल मैं इसे स्वयं करूंगा, क्योंकि मैंने उनसे (पार्टी के लिए) 230 सीटों के लिए प्रार्थना की थी और उन्होंने मुझे दिया था।
इस बीच, विपक्ष ने मूर्ति की सजावट में भारी मात्रा में आभूषणों का उपयोग किए जाने की आलोचना की।
बीरभूम से ताल्लुक रखने वाले भाजपा नेता अनुपम हाजरा ने कहा, बीरभूम में बहुत सारे काली मंदिर हैं। अगर मैं विश्वास लूं कि लोग स्वेच्छा से आभूषण देते हैं, तो वे अन्य काली मंदिरों में क्यों नहीं जाते हैं? स्पष्ट है कि वे दबाव में ऐसा करते हैं।
हालांकि, मंडल ने इस पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया।
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Source : IANS