स्वतंत्रता दिवस समारोह में बोले CJI, संस्थाओं को तोड़ना आसान लेकिन चलाना मुश्किल
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों ने आपकी तारीफ पाने के लिए लड़ाई नहीं लड़ी। हमें उनके सपनों का भारत बनाना है। ये उनका सम्मान होगा।
नई दिल्ली:
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट में स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान कहा कि किसी भी संस्था की आलोचना करना या उसे तोड़ने या नष्ट करने की कोशिश करना बहुत आसान है। इसके उलट किसी भी संस्थान को आगे ले जाना काफी मुश्किल है क्योंकि इसके लिए अपनी आकांक्षाओं और शिकायतों को भूलना होता है। किसी भी संस्था को आगे बढ़ाने के लिए सकारात्मक विचारधारा के साथ रचनात्मक क़दम उठाने की आवश्यकता होती है। तर्कसंगतता, परिपक्वता, ज़िम्मेदारी और धैर्य के साथ ठोस सुधार करने की ज़रूरत है। तभी कोई संस्था आगे बढ़ सकता है।
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों ने आपकी तारीफ पाने के लिए लड़ाई नहीं लड़ी। हमें उनके सपनों का भारत बनाना है। ये उनका सम्मान होगा।
Constructive steps need to be taken with positive mindset. Concrete reforms must be undertaken with rationality, maturity, responsibility & composure. It's necessary to be productive instead of being counter-productive. Then only the institution can go to greater heights: CJI pic.twitter.com/uIr5ubiP24
— ANI (@ANI) August 15, 2018
चीफ जस्टिस ने गोखले, तिलक के बाद गांधी को याद करते हुए कहा कि गांधी का सबसे बड़ा योगदान ये है कि उन्होंने भारतीयों के दिमाग से डर हटा दिया। गुलामी की भावना हटा दी। कुछ ताकतें संस्था (न्यायपालिका) को कमज़ोर करने की कोशिश करती हैं। हम सब मिल कर ऐसा नहीं होने देंगे।
और पढ़ें- इसरो 2022 तक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में भेजेगा
वहीं कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हम PIL का सम्मान करते हैं मगर कोर्ट को शासन का काम उन लोगों पर छोड देना चाहिए जिन्हें लोगों ने चुनकर भेजा है। कोर्ट तभी दखल दे जब सरकार कुछ गलत कर रही हो।
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Good Friday 2024: क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे, जानें प्रभु यीशु के बलिदान की कहानी
-
Sheetala Ashtami 2024: कब है 2024 में शीतला अष्टमी? जानें पूजा कि विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व
-
Chaitra Navaratri 2024: भारत ही नहीं, दुनिया के इन देशों में भी है माता के शक्तिपीठ
-
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार देश का शासक कैसा होना चाहिए, जानें