सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ लेगी निर्वाचन आयोग कॉलेजियम के गठन पर फैसला

सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त व निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम के गठन की मांग वाली याचिका को संविधान पीठ को भेज दिया. प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई व न्यायमूर्ति संजय कृष्ण कौल ने मामले को वृहद पीठ को भेज दिया, क्योंकि इसमें धारा 324 (2) की व्याख्या शामिल है.

सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त व निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम के गठन की मांग वाली याचिका को संविधान पीठ को भेज दिया. प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई व न्यायमूर्ति संजय कृष्ण कौल ने मामले को वृहद पीठ को भेज दिया, क्योंकि इसमें धारा 324 (2) की व्याख्या शामिल है.

author-image
Sunil Mishra
एडिट
New Update
सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ लेगी निर्वाचन आयोग कॉलेजियम के गठन पर फैसला

प्रतीकात्मक तस्वीर

सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त व निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम के गठन की मांग वाली याचिका को संविधान पीठ को भेज दिया. प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई व न्यायमूर्ति संजय कृष्ण कौल ने मामले को वृहद पीठ को भेज दिया, क्योंकि इसमें धारा 324 (2) की व्याख्या शामिल है. धारा 324 (2) चुनाव निगरानीकर्ता की नियुक्ति से जुड़ी है. अदालत ने पाया कि यह याचिका चुनाव आयोग के सदस्यों की नियुक्ति को पूरी तरह सुरक्षित करने और तंत्र को बेहतर करने के लिए है तो उसने यह मामला संवैधानिक पीठ को भेज दिया.

Advertisment

यह भी पढ़ें : अरावली में 31 पहाडि़यां गायब होने पर SC ने राजस्थान सरकार से पूछा, क्या 'हनुमान' ले गए पहाड़?

अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल और अधिवक्ता प्रशांत भूषण की याचिकाओं का हवाला देते हुए पीठ ने कहा, "हम विचार कर रहे हैं कि मामले को करीब से देखने की जरूरत है और संविधान की धारा 324 के प्रावधानों की व्याख्या करने की जरूरत है. इस मुद्दे पर अदालत ने इससे पहले कोई बहस या जवाब नहीं दिया है."
संविधान की धारा 145 (3) का हवाला देते हुए अदालत ने कहा, "इसी प्रकार हम आधिकारिक घोषणा के लिए वर्तमान कार्यवाही में उठे प्रश्न को संवैधानिक पीठ को भेज रहे हैं।" संविधान की धारा 145 (3) के तहत अदालत को ऐसे मामलों को संवैधानिक पीठ को भेजना होता है.

जहां भूषण ने चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति में गैर पारदर्शी तरीके का हवाला दिया, वहीं अटॉर्नी जनरल ने मुख्य चुनाव आयुक्त रह चुके स्वर्गीय टीएन शेषन की याद दिलाई. चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए निष्पक्ष और स्वतंत्र चयन समिति की मांग करते हुए जनहित याचिकाकर्ता अनूप बरनवाल ने तर्क दिया कि वर्तमान में चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति की सरकार की प्रक्रिया भेदभावपूर्ण है और संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है.

यह भी पढ़ें : पश्चिम बंगाल: रेलवे फुटओवर ब्रिज पर भगदड़, 2 की मौत 12 घायल, सीएम ममता बोली- रेलवे की लापरवाही

Source : IANS

Supreme Court election commission Constitution TN Sheshan Constitutional Bench Attorny General Colegium Public Interest Litigation Article 14
      
Advertisment