आज ही के दिन भारत ने अपनाया था संविधान, जानें आज और क्या है खास
यही वह दिन है, जब गुलामी की जंजीरों से आजाद होकर अपने स्वतंत्र अस्तित्व को आकार देने का प्रयास कर रहे राष्ट्र ने संविधान को अंगीकार किया था. इसी दिन संविधान सभा ने इसे अपनी स्वीकृति दी थी.
नई दिल्ली:
आजाद भारत के इतिहास में आज की तारीख की एक खास अहमियत है. दरअसल यही वह दिन है, जब गुलामी की जंजीरों से आजाद होकर अपने स्वतंत्र अस्तित्व को आकार देने का प्रयास कर रहे राष्ट्र ने संविधान को अंगीकार किया था. इसी दिन संविधान सभा ने इसे अपनी स्वीकृति दी थी. इस वजह से इस दिन को ‘संविधान दिवस’ के तौर पर मनाया जाता है. उपराष्ट्रपति एम. वेकैंया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संविधान दिवस के मौके पर देशवासियों को बधाई दी है.
नायडू ने ट्वीट किया, "मैं आज संविधान दिवस के अवसर पर देशवासियों को बधाई देता हूं. इस दिन, 1949 में, भारत के विवेकशील लोगों ने खुद को डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर के सक्षम मार्गदर्शन के तहत तैयार संविधान दिया था."
उन्होंने कहा कि स्वतंत्र भारत की संविधान सभा ने 395 अनुच्छेद और आठ अनुसूची वाले मसौदा संविधान को अपनाया था, जिस पर दो साल 11 महीनों और 17 दिनों की अवधि में हुए 11 सत्रों के दौरान संविधान सभा के 299 सदस्यों के बीच पूरी तरह से बहस हुई थी.
नायडू ने कहा कि अब यह हमारा सर्वोच्च राष्ट्रीय दायित्व है कि हम अपने व्यक्तिगत और सामुदायिक जीवन में संविधान की भावना के प्रति ईमानदार रहे.
उपराष्ट्रपति ने कहा, "हमें अपने व्यक्तिगत और सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी बनाए रखनी चाहिए, संवैधानिक निकायों और प्रक्रियाओं में विश्वास करना चाहिए और उनका सम्मान करना होना चाहिए. संविधान दिवस पर मेरी हार्दिक बधाई."
प्रधानमंत्री मोदी ने भी ट्वीट कर कहा, "संविधान दिवस पर हम हमारे संविधान सभा में सेवा देने वाले महान लोगों के शानदार योगदान को गर्व के साथ याद करते हैं. हमें हमारे संविधान पर गर्व है और इसमें निहित मूल्यों को बनाए रखने के लिए हमारी प्रतिबद्धता दोहराते हैं."
प्रधानमंत्री ने रविवार को अपने मासिक रेडियो प्रसारण कार्यक्रम 'मन की बात' के ऑडियो का एक लिंक भी साझा किया जहां उन्होंने आंबेडकर के योगदान के बारे में काफी बात की है, जिन्होंने भारतीय संविधान का मसौदा तैयार किया था.
संविधान दिवस हर साल 26 नवंबर को मनाया जाता है, जिस दिन भारत के संविधान मसौदे को अपनाया गया था. 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू होने से पहले 26 नवंबर 1949 को इसे अपनाया गया था.
सरकार ने 19 नवंबर, 2015 को राजपत्र अधिसूचना की सहायता से 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में घोषित किया था.
हालांकि इस तारीख के साथ आठ बरस पहले की एक दुखद घटना भी जुड़ी हुई है. 26 नवम्बर, 2008 को मुंबई में देश को दहला देने वाला आतंकवादी हमला हुआ था. देश की वाणिज्यिक राजधानी मुम्बई के कई महत्वपूर्ण स्थानों पर 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने हमले किये थे. हमले में 166 लोग मारे गये थे और 600 से अधिक घायल हुए थे. ये हमले तीन दिन तक चले. इस दौरान नौ हमलावर आतंकवादियों को मार गिराया गया और मुम्बई पुलिस ने एक आतंकवादी कसाब को जिंदा पकड़ लिया, जिसे बाद में फांसी दी गई.
देश-दुनिया के इतिहास में आज की तारीख में दर्ज अन्य प्रमुख घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:-
1919 - भारत के प्रसिद्ध इतिहासकार और शिक्षाविद् राम शरण शर्मा का जन्म.
1921 - देश में श्वेत क्रांति के जनक माने-जाने वाले वर्गीज कुरियन का जन्म.
1949: देश में संविधान को अंगीकार किया गया.
1967 - लिस्बन में बादल फटने से करीब 450 लोगों की मौत.
1984 - इराक एवं अमेरिका ने कूटनीतिक संबंधों को पुन: स्थापित किया.
1998 - तुर्की के प्रधानमंत्री मेसुत यिल्माज ने संसद में अपनी सरकार के विश्वासमत हासिल नहीं कर पाने के बाद इस्तीफ़ा दिया.
2001 - नेपाल में 200 विद्रोही मारे गये. 2006 - इराक बम धमाके में 202 लोगों की मौत.
और पढ़ें- संविधान दिवस : कानून से नहीं चला देश तो फैल जाएगी अराजकता : CJI रंजन गोगोई
2008 - मुंबई के कई स्थानों पर आतंकवादी हमलों में 166 लोग मारे गये. 2012 - अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी नाम से एक नई राजनीतिक पार्टी बनाई.
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