देश में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है. इस दिन को संविधान निर्माता डॉ.भीमराव अंबेडकर को याद किया जाता है. यूजीसी ने भी देश के सभी विश्वविद्यालयों को आदेश दिया कि वे 26 नवंबर को 'संविधान दिवस' के रूप में मनाएं. इसी के चलते उपराष्ट्रपति एम. वेकैंया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संविधान दिवस के मौके पर देशवासियों को बधाई दी है. नायडू ने ट्वीट किया, "मैं आज संविधान दिवस के अवसर पर देशवासियों को बधाई देता हूं. इस दिन, 1949 में, भारत के विवेकशील लोगों ने खुद को डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर के सक्षम मार्गदर्शन के तहत तैयार संविधान दिया था."
उन्होंने कहा कि स्वतंत्र भारत की संविधान सभा ने 395 अनुच्छेद और आठ अनुसूची वाले मसौदा संविधान को अपनाया था, जिस पर दो साल 11 महीनों और 17 दिनों की अवधि में हुए 11 सत्रों के दौरान संविधान सभा के 299 सदस्यों के बीच पूरी तरह से बहस हुई थी. नायडू ने कहा कि अब यह हमारा सर्वोच्च राष्ट्रीय दायित्व है कि हम अपने व्यक्तिगत और सामुदायिक जीवन में संविधान की भावना के प्रति ईमानदार रहे.
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उपराष्ट्रपति ने कहा, "हमें अपने व्यक्तिगत और सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी बनाए रखनी चाहिए, संवैधानिक निकायों और प्रक्रियाओं में विश्वास करना चाहिए और उनका सम्मान करना होना चाहिए. संविधान दिवस पर मेरी हार्दिक बधाई." प्रधानमंत्री मोदी ने भी ट्वीट कर कहा, "संविधान दिवस पर हम हमारे संविधान सभा में सेवा देने वाले महान लोगों के शानदार योगदान को गर्व के साथ याद करते हैं. हमें हमारे संविधान पर गर्व है और इसमें निहित मूल्यों को बनाए रखने के लिए हमारी प्रतिबद्धता दोहराते हैं." प्रधानमंत्री ने रविवार को अपने मासिक रेडियो प्रसारण कार्यक्रम 'मन की बात' के ऑडियो का एक लिंक भी साझा किया जहां उन्होंने आंबेडकर के योगदान के बारे में काफी बात की है, जिन्होंने भारतीय संविधान का मसौदा तैयार किया था.
संविधान दिवस हर साल 26 नवंबर को मनाया जाता है, जिस दिन भारत के संविधान मसौदे को अपनाया गया था. 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू होने से पहले 26 नवंबर 1949 को इसे अपनाया गया था. सरकार ने 19 नवंबर, 2015 को राजपत्र अधिसूचना की सहायता से 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में घोषित किया था.
Source : IANS