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आतंकी कसाब को हिंदू दिखाने की थी साजिश, मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्‍नर ने किया खुलासा

राकेश मारिया ने किताब में लिखा है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने 26/11 हमले को हिंदू आतंकवाद के उभार का रूप देने की कोशिश की गई थी. इसलिए आतंकवादियों के साथ फर्जी आईकार्ड भी पाकिस्‍तान से भेजे गए थे.

Updated on: 18 Feb 2020, 11:49 AM

नई दिल्‍ली:

मुंबई आतंकी हमलों के बीच एकमात्र जिंदा पकड़े गए आतंकवादी कसाब को हिंदू के रूप में पेश करने की साजिश रची गई थी. ऐसा कर भारत में हिंदू आतंकवाद के उभार को दुनिया भर में प्रचार करने का लक्ष्य पाकिस्‍तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने रखा था. मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर राकेश मारिया (Rakesh Maria) की आत्मकथा (Autobiography) लेट मी से इट नाउ (Let Me Say It Now) में यह खुलासे किए गए हैं. यह किताब रिलीज होने से पहले ही चर्चाओं में है.

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राकेश मारिया ने किताब में लिखा है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने 26/11 हमले को हिंदू आतंकवाद के उभार का रूप देने की कोशिश की गई थी. इसलिए आतंकवादियों के साथ फर्जी आईकार्ड भी पाकिस्‍तान से भेजे गए थे. कसाब के पास से मिले आईकार्ड पर भी समीर चौधरी लिखा हुआ था.

मारिया का दावा है कि मुंबई पुलिस आतंकी कसाब की फोटो जारी नहीं करना चाहती थी. बताया यह भी गया है कि अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के गैंग को कसाब को मारने की सुपारी मिली थी.

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मुंबई में 10 आतंकियों ने 26 नवंबर, 2008 को बड़ा हमला किया था, जिसमें 166 लोग मारे गए और सैकड़ों लोग घायल हो गए थे. 10 हमलावरों में बस एक अजमल कसाब ही जिंदा पकड़ा जा सका था. कसाब को 21 नवंबर, 2012 को पुणे के यरवडा जेल में फांसी की सजा दी गई थी.