कांग्रेस लोकसभा चुनाव के मद्देनजर प्रचार प्रसार के लिए एजेंसियों को ठेका देने में लगी है. प्रचार के लिए कई कांग्रेसी नेता अपनी पहचान की एजेंसी को ठेका दिलाने में जुटे हैं. एनबीटी के अनुसार इसबार पार्टी हाईकमान पिछले बार के धांधलियों को देखते हुए काफी सतर्क हैं.उल्लेखनीय है कि फंड की किल्लत से जूझ रही कांग्रेस ने 2019 के मद्देनजर अच्छा खासा बजट प्रचार अभियान के लिए रखने की योजना बनाई है.
चर्चा है कि इस बार का बजट लगभग 800 करोड़ का होगा जबकि 2014 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस का बजट लगभग 500 करोड़ का था. दूसरी ओर, कांग्रेस का ठेका दिलाने के लिए तमाम नेता अपनी-अपनी जान-पहचान की कंपनियों को आगे बढ़ाने की कोशिश में लगे हैं.
इनमें कुछ ऐसी दागी कंपनियां भी दौड़ में हैं, जिन पर पिछले कुछ चुनावों में पार्टी की ओर से गड़बड़ियों की बात उठाई गई थी. कहा जा रहा है कि पार्टी के ही कुछ सीनियर नेता इन एजेंसियों को आगे बढ़ा रहे हैं. रोचक है कि इन कंपनियों में एक ऐसी भी है जिससे जुड़ी धांधली की बात हालिया मध्य प्रदेश चुनावों में सामने आई थी. तब ऐन चुनावों के बीच उक्त कंपनी से काम वापस ले लिया गया था.
Source : News Nation Bureau