घर लौटने के लिए श्रमिकों के रेल टिकट का खर्च कांग्रेस उठाएगी, सोनिया गांधी ने मोदी सरकार को कोसा
आज से देशभर में लॉकडाउन 3.0 लागू हो गया है. प्रवासी मजदूरों की आवाजाही के लिए सरकार ने देशभर में श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं, जिसके किराये को लेकर राजनीति शुरू हो गई है.
नई दिल्ली:
आज से देशभर में लॉकडाउन 3.0 (Lockdown 3.0) लागू हो गया है. प्रवासी मजदूरों की आवाजाही के लिए सरकार ने देशभर में श्रमिक स्पेशल ट्रेनें (Shramik Special Trains) चलाई हैं, जिसके किराये को लेकर राजनीति शुरू हो गई है. केंद्र सरकार ने ट्रेनों को चलाने का खर्च राज्य सरकारों से उठाने को कहा है, जबकि बीजेपी शासित राज्यों को छोड़कर अन्य राज्य सरकारों ने सरकार के इस कदम का विरोध किया है. इस बीच कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने एक बयान जारी कर केंद्र सरकार के इस कदम की आलोचना की है. उन्होंने कहा, कांग्रेस की हर ईकाई मजदूरों के घर जाने के किराये की भरपाई करेगी.
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सोनिया गांधी ने अपने बयान में कहा, श्रमिक व कामगार देश की रीढ़ की हड्डी हैं. उनकी मेहनत और कुर्बानी राष्ट्र निर्माण की नींव है. सिर्फ चार घंटे के नोटिस पर लॉकडाउन करने के कारण लाखों श्रमिक व कामगार घर वापस लौटने से वंचित हो गए. 1947 के बंटवारे के बाद देश ने पहली बार यह दिल दहलाने वाला मंजर देखा कि हजारों श्रमिक व कामगार सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर घर वापसी के लिए मजबूर हो गए. न राशन, न पैसा, न दवाई, न साधन, पर केवल अपने परिवार के पास वापस गांव पहुंचने की लगन. उनकी व्यथा सोचकर ही हर मन कांपा और फिर उनके दृढ़ निश्चय और संकल्प को हर भारतीय ने सराहा भी. पर देश और सरकार का कर्तव्य क्या है? आज भी लाखों श्रमिक व कामगार पूरे देश के अलग अलग कोनों से घर वापस जाना चाहते हैं, पर न साधन है और न पैसा.
सोनिया गांधी ने कहा, दुख की बात यह है कि भारत सरकार व रेल मंत्रालय इन मेहनतकशों से मुश्किल की इस घड़ी में रेल यात्रा का किराया वसूल रहे हैं. श्रमिक व कामगार राष्ट्रनिर्माण के दूत हैं. जब हम विदेशों में फंसे भारतीयों को अपना कर्तव्य समझकर हवाई जहाजों से निशुल्क वापस लेकर आ सकते हैं, जब हम गुजरात के केवल एक कार्यक्रम में सरकारी खजाने से 100 करोड़ रु. ट्रांसपोर्ट व भोजन इत्यादि पर खर्च कर सकते हैं, जब रेल मंत्रालय प्रधानमंत्री के कोरोना फंड में 151 करोड़ रु. दे सकता है, तो फिर तरक्की के इन ध्वजवाहकों को आपदा की इस घड़ी में निशुल्क रेल यात्रा की सुविधा क्यों नहीं दे सकते?
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सोनिया गांधी ने यह भी कहा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने मेहनतकश श्रमिकों व कामगारों की इस निशुल्क रेलयात्रा की मांग को बार बार उठाया है. दुर्भाग्य से न सरकार ने एक सुनी और न ही रेल मंत्रालय ने. इसलिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने यह निर्णय लिया है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की हर इकाई हर जरूरतमंद श्रमिक व कामगार के घर लौटने की रेल यात्रा का टिकट खर्च वहन करेगी व इस बारे में जरूरी कदम उठाएगी. मेहनतकशों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने के मानव सेवा के इस संकल्प में कांग्रेस का यह योगदान होगा.
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