विनायक सावरकर के पौत्र रणजीत सावरकर ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि गांधी की हत्या कांग्रेस की अनुमति से हुई, उसका सबसे ज्यादा फायदा कांग्रेस ने ही उठाया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस गांधी की हत्या का राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश करती रही है. कांग्रेस की कोई नीति ही नही है वो सत्ता सुख के लिए कुछ भी कर सकती है. उन्होंने शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन पर कहा कि शिवसेना अपने हिंदुत्ववादी छवि से नहीं हटेगी. उन्होंने कहा कि सावरकर के लिए भारत रत्न की मांग उठाती रहेगी. उन्होंने कहा कि शिवसेना नही बदलेगी, बल्कि कांग्रेस में बदलाव आएगा. कांग्रेस पहले ही सॉफ्ट हिंदुत्व की ओर बढ़ चली है.
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राहुल गांधी का प्रज्ञा ठाकुर पर निशाना
मध्य प्रदेश के भोपाल से भारतीय जनता पार्टी की सांसद प्रज्ञा ठाकुर नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताकर विवादों में आईं. जिसके बाद गुरुवार को राहुल गांधी ने साध्वी प्रज्ञा को आतंकी कहा. राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा है कि वह अपने बयान पर कायम हैं. भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर (Sadhvi Pragya Singh Thakur) का विवादों से पुराना नाता है. गोडसे और गांधी को लेकर वह लगातार विवादों में घिर जाती हैं. गुरुवार को लोकसभा में बहस के दौरान महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के हत्यारे नाथूराम गोडसे को उन्होंने देशभक्त बता दिया. उनके इस बयान पर विपक्ष ने जमकर निशाना है. इसी क्रम में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने साध्वी प्रज्ञा पर निशाना साधते हुए उन्हें आतंकी कह डाला. उन्होंने ट्वीट करके कहा कि 'आतंकी प्रज्ञा ने आतंकी गोडसे को देशभक्त बताया भारतीय संसद के इतिहास में सबसे दुखद दिन'.
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नाथूराम गोडसे प्रकरण पर BJP सांसद साध्वी प्रज्ञा ने मांगी माफी
गोडसे को लेकर बयानबाजी पर विवादों में फंसी बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने आज संसद में माफी मांग ली है. उन्होंने कहा कि सदन में किसी भी टिप्पणी से जिस किसी को भी ठेस पहुंची हो उसके लिए क्षमा चाहती हूं. लेकिन संसद में मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है, मेरे बयान पर राजनीति हुई है जो निंदनीय है.
साध्वी प्रज्ञा ने ये भी कहा, 'गांधी जी की देश के प्रति सेवा का मैं सम्मान करती हूं. इसी सदन के एक माननीय सदस्य ने मुझे आतंकी कहा था, तत्कालीन सरकार के षड्यंत्र के बावजूद मुझपर कोई आरोप सिद्ध नही हुआ है. ये एक महिला का अपमान है उसे आतंकी कहना जो इसी सदन में मेरे ख़िलाफ़ कहा गया है.