तेलुगू देश पार्टी (टीडीपी) और वाईएसआर के बाद अब कांग्रेस पार्टी ने भी मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए नोटिस दिया है।
कांग्रेस ने केंद्र सरकार के खिलाफ यह अविश्वास प्रस्ताव एससी-एसटी एक्ट में ढील दिए जाने के खिलाफ लाने का फैसला किया है।
पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में आज कांग्रेस ने इस फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया था और सदन में उस मुद्दे को उठाया था।
लोकसभा सचिव को कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने जो नोटिस दिया उसमें कहा गया है कि मंगलवार यानी की 27 मार्च को मुख्य विपक्षी दल अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहती है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए किसी भी दल को कम से कम 50 सांसदों के समर्थन की जरूरत होती है।
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अगर कांग्रेस के इस प्रस्ताव को लोकसभा स्पीकर ने स्वीकार कर लिया तो मोदी सरकार को अपने कार्यकाल के दौरान पहली बार फ्लोर टेस्ट से गुजरना पड़ेगा और बहुमत साबित करनी होगी।
हालांकि बीजेपी को अकेले ही बहुमत मिला हुआ है और अगर एनडीए में शामिल दलों के समर्थन को देखें तो ये आकंड़ा 325 तक पहुंच जाता है कि जबकि बहुमत के लिए सिर्फ 272 वोटों की जरूरत होगी।
एससी-एसटी कानून में बदलाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान मोदी सरकार के रूख के खिलाफ राहुल गांघी ने संसद के सामने प्रदर्शन किया था और आरोप लगाया था कि सरकार दलितों-आदिवासियों का पक्ष मजबूती से नहीं रख रही है।
दूसरी तरफ मोदी सरकार की कोशिश है कि अगर कांग्रेस इस मामले को लेकर कोर्ट भी जाती है तो वो इसका क्रेटिड न ले सके।
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Source : News Nation Bureau