सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक आलोक वर्मा को बहाल कर दिया. इसके बाद कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह प्रमुख जांच एजेंसी को 'नष्ट' करने को लेकर बेनकाब हो गए हैं. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट किया, 'मोदी ने अपनी सूची में एक और काम पहली बार करने का जोड़ लिया है. सीवीसी (केंद्रीय सतर्कता आयोग) की विश्वसनीयता को नष्ट करने के बाद (सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश द्वारा निगरानी की जरूरत पड़ी) सीबीआई को नष्ट करने वाले पहले प्रधानमंत्री के रूप में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष बेनकाब हो गए हैं. मोदी पहले ऐसे प्रधानमंत्री बन गए हैं, जिनके गैरकानूनी आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने दरकिनार कर दिया है.'
सुप्रीम कोर्ट ने वर्मा और एनजीओ 'कॉमन कॉज' की याचिका पर यह फैसला सुनाया, जिसमें सरकार द्वारा 23-24 अक्टूबर की दरम्यानी रात को किए गए फैसले को चुनौती दी गई थी. अदालत का फैसला आने के तुरंत बाद सुरजेवाला ने यह टिप्पणी की है.
सुरजेवाला ने मोदी को चेताया कि सरकार आती है और जाती है, लेकिन संस्थानों की शुचिता बरकरार रहती है. उन्होंने उम्मीद जताई कि यह निर्णय देश के लोकतंत्र और संविधान की शक्ति के बारे में प्रधानमंत्री के लिए एक 'सबक' होगा.
उन्होंने कहा, 'मोदीजी कृपया याद रखें, सरकारें आईं हैं और चली गईं हैं. हमारे संस्थानों की शुचिता बची रही है. इसे हमारे लोकतंत्र और संविधान की ताकत के बारे में आप एक सबक के रूप में लें. यह एक सबक है कि आप कितने भी निरंकुश हों, आखिर में, कानून के शिकंजे में आ ही जाएंगे.'
प्रधानमंत्री को लताड़ लगाते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, 'सीबीआई प्रमुख द्वारा आपके गैरकानूनी फैसले के परिणाम तीन महीने भुगतने के बाद, क्या आप तीन महीने का खोया हुआ कार्यकाल उन्हें वापस करने का साहस दिखाएंगे? अगर आप राफेल घोटाले की जांच से नहीं डरते हैं तो..'
सुरजेवाला ने मोदी को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि पहले आप ने दो आरबीआई गर्वनरों सहित चार आर्थिक सलाहकारों को खो दिया. फिर न्यायाधीश (बी.एच.) लोया मामले में सुप्रीम कोर्ट के चार न्यायाधीश सार्वजनिक रूप से सामने आ गए और फिर सीबीाई और सीवीसी की विश्वसनीयता व साख को नुकसान पहुंचाया. यह आपका 'न्यनतम शासन, अधिकतम सरकार' है.
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाते हुए पूछा कि अब क्या बदल गया है.
और पढ़ें- राहुल गांधी बोले, आलोक वर्मा राफेल सौदे की जांच करने वाले थे, इसलिए रात को 1 बजे हटाया गया
सिंघवी ने ट्वीट किया, 'सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले, आलोक वर्मा के पास सीबीआई प्रमुख के तौर पर अधिकार नहीं थे, किसी नीति या जांच पर फैसला नहीं ले सकते थे. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी स्थिति जस की तस है.'
Source : IANS