कांग्रेस ने सीतारमण से मांगा जवाब, वायुसेना के एएन-32 विमान के पार्ट्स खरीद में रिश्वतखोरी का आरोप

कांग्रेस ने गुरुवार को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से उनके मंत्रालय के अधिकारियों द्वारा वायुसेना के एएन-32 परिवहन विमान के लिए कल-पुर्जे की खरीद में 17.55 करोड़ रुपये की कथित रिश्वतखोरी पर जवाब मांगा है।

कांग्रेस ने गुरुवार को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से उनके मंत्रालय के अधिकारियों द्वारा वायुसेना के एएन-32 परिवहन विमान के लिए कल-पुर्जे की खरीद में 17.55 करोड़ रुपये की कथित रिश्वतखोरी पर जवाब मांगा है।

author-image
saketanand gyan
एडिट
New Update
कांग्रेस ने सीतारमण से मांगा जवाब, वायुसेना के एएन-32  विमान के पार्ट्स खरीद में रिश्वतखोरी का आरोप

कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी (फाइल फोटो)

कांग्रेस ने गुरुवार को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से उनके मंत्रालय के अधिकारियों द्वारा वायुसेना के एएन-32 परिवहन विमान के लिए कल-पुर्जे की खरीद में 17.55 करोड़ रुपये की कथित रिश्वतखोरी पर जवाब मांगा है।

Advertisment

एक समाचार रिपोर्ट का हवाला देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि यूक्रेन का नेशनल एंटी करप्शन ब्यूरो भारत को एएन-32 विमान के कल पुर्जे की बिक्री में 17.55 करोड़ रुपये की कथित रिश्वत खोरी की जांच कर रहा है।

मनीष तिवारी ने कहा, 'एएन-32 भारतीय वायुसेना के संपूर्ण लॉजिस्टिक्स और आपूर्ति श्रृंखला में एक अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। समाचार रिपोर्ट और सोशल मीडिया में मौजूद कुछ पत्रों में आरोप लगाया है कि 26 नवंबर, 2014 (एनडीए सरकार के सत्ता में आने के बाद) को कल पुर्जे की खरीद के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे।'

उन्होंने कहा कि अनुबंध की शर्ते पूरी नहीं होने के बावजूद 13 अगस्त 2015, 20 अक्टूबर 2015 और 5 अप्रैल 2016 को रक्षा मंत्रालय/वायुसेना मुख्यालय और आपूर्तिकर्ता कंपनी स्पेटस्टेक्नोएक्सपोर्ट के बीच समापन वक्तव्यों (कंपलीशन स्टेटमेंट) पर हस्ताक्षर किए गए।

तिवारी ने कहा कि यह एक बेहद गंभीर मुद्दा है और उनकी पार्टी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार के शीर्ष नेतृत्व से जवाब चाहती है।

उन्होंने कहा, 'हमें उम्मीद है कि हर मुद्दे पर बोलने वालीं (निर्मला सीतारमण) समय निकालेंगी और उनके मंत्रालय से संबंधित मामले में जवाब देंगी।'

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को 'स्वघोषित चौकीदार' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की।

तिवारी ने कहा, 'यूक्रेन के नेशनल एंटी करप्शन ब्यूरो ने आरोप लगाया है कि अनुबंध की शर्तों को पूरा नहीं किए जाने के बावजूद इन समापन वक्तव्यों पर हस्ताक्षर करने के नतीजे में 17.55 करोड़ रुपये की राशि ग्लोबल मार्केटिंग नामक कंपनी के खाते में स्थानांतरित की गई।'

उन्होंने कहा, 'यह राशि कथित रूप से संयुक्त अरब अमीरात में नूर इस्लामी बैंक के एक खाते में भेजी गई थी।'

और पढ़ें: BJP पर भारी विपक्षी एकता, कैराना में सफल रहा गोरखपुर फॉर्मूला

Source : IANS

congress Air force Manish Tiwari AN-32 defense Nirmala Sitharama
      
Advertisment