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फ्लैग कोड में संशोधन पर कांग्रेस मोदी सरकार पर हमलावर

भारत सरकार ने भारतीय ध्वज संहिता यानी इंडियन फ्लैग कोड के नियमों में कुछ बदलाव भी किया है. इसके तहत अब तिरंगा पॉलीस्टर और मशीन निर्मित भी हो सकता है.

Updated on: 08 Jul 2022, 06:54 PM

highlights

  • हर घर तिरंगा अभियान के लिए फ्लैग कोड में संशोधन
  • अब पॉलिस्टर और मशीन निर्मित तिरंगे की भी अनुमति
  • कांग्रेस और कर्नाटक का खादी ग्रामोद्योग संघ विरोध में

नई दिल्ली:

आजादी का अमृत महोत्सव के तहत संस्कृति मंत्रालय इस महीने से हर घर तिरंगा अभियान शुरू करने जा रहा है. इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए भारत सरकार ने भारतीय ध्वज संहिता यानी इंडियन फ्लैग कोड के नियमों में कुछ बदलाव भी किया है. इसके तहत अब तिरंगा पॉलीस्टर और मशीन निर्मित भी हो सकता है. इसके पहले सिर्फ खादी, सूती, ऊन या सिल्क के हाथ से बने झंडे ही सरकारी कार्यालयों और विभागों में फहराने की अनुमति थी. यही नहीं, तिरंगे के लिए निर्धारित नियम-कायदों का उल्लंघन करने पर सजा का भी प्रावधान है. सरकार ने फ्लैग कोड में यह बदलाव 20 करोड़ झंडों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की मंशा से किया है. यह अलग बात है कि फ्लैग कोड में बदलाव से कांग्रेस समेत विपक्ष को एक और मुद्दा मिल गया है. 

20 करोड़ तिरंगे घर-घर पहुंचाने का लक्ष्य
गौरतलब है कि मोदी सरकार ने भारतीय तिरंगा संहिता 2002 में बीते साल दिसंबर में बदलाव किया था. इसके तहत पॉलीस्टर और मशीन निर्मित तिरंगों के भी इस्तेमाल की अनुमति दी गई थी. अन्यथा इससे पहले खादी, ऊनी, सूती औऱ सिल्क के हाथ से बने झंडे ही फहराए जाते थे. सरकार के हर घर तिरंगा कार्यक्रम के तहत यह संशोधन किया गया था. इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पीएसयू, सीएपीएफ, सेना के जवान, स्‍व सहायता समूह, शिक्षण संस्थान और पंचायती राज संस्‍थानों को शामिल किया गया है. कॉरपोरेट सीएसआर और अन्य संशाधनों के इस प्रोग्राम को सफल बनाने में मदद कर सकते हैं. मंत्रालय और विभाग लोगों को तिरंगा लगाने के लिए प्रोत्‍साहित करेंगे. यही वजह है कि 20 करोड़ तिरंगा की मांग को पूरा करने के लिए खादी के अलावा फैब्रिक्‍स, पोलिस्‍टर समेत कई अन्‍य विकल्‍प दिए गए हैं.  

कांग्रेस मोदी सरकार पर हमलावर
हालांकि सरकार के इस कदम का कर्नाटक स्थित खादी ग्रामोद्योग संयुक्त संघ ने विरोध जताया है. संघ का कहना है कि इस निर्णय से खादी उद्योग पर विपरीत असर पड़ेगा. इस आशय का एक पत्र संघ ने पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को भी भेजा है. गौरतलब है कि पहले खादी ग्रामोद्योग के ही बने तिरंगे सरकारी कार्यालयों और विभागों पर फहराए जाते थे. कांग्रेस ने भी इसी को आधार बनाते हुए मोदी सरकार पर हमला बोला है. कांग्रेस प्रवक्ता अजय कुमार ने शुक्रवार को कहा कि बीजेपी सरकार पहले से ही सरकारी संपत्तियों को बेचने पर आमादा है. अब तो वह खजाना भरने के लिए राष्ट्रीय ध्वज तक को बेच रही है. इसके साथ ही कांग्रेस ने खादी ग्रामोद्योग संघ के आंदोलन को भी समर्थन देने की घोषणा कर दी है.