30 दिसंबर तक एक खाते में केवल एक बार 5,000 रुपये से ज्यादा मूल्य के नोटों को एक बार जमा किए जाने और ईपीएफ ब्याज दरों में कटौती किए जाने के फैसले को आम आदमी के खिलाफ 'दोहरा सर्जिकल स्ट्राइक' करार दिया।
कांग्रेस ने सरकार से तत्काल खातों में पुराने नोटों को जमा कराए जाने के फैसले को वापस लिए जाने की मांग की। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सूरजेवाला ने कहा, 'मोदी सरकार ने आम आदमी पर दोहरा सर्जिकल स्ट्राइक किया है। केंद्र सरकार ने ईपीएफ ब्याज दरों को 8.8 फीसदी से घटाकर 8.65 फीसदी कर दिया है। एक तरफ नोटबंदी तो दूसरी तरफ ईपीएफ ब्याज दरों में कटौती कर सरकार ने आम आदमी को नुकसान पहुंचाया है।'
सुरजेवाला ने कहा कि सरकार 5000 रुपये से अधिक रुपये के डिपॉजिट पर जांच बिठाकर बैंकों को पुलिस थाने में बदलना चाहती है। उन्होंने कहा, 'बैंक लोगों की सेवा के लिए होते हैं। उन्हें पुलिस स्टेशन नहीं बनाया जा सकता।'
सरकार के नए फैसले के मुताबिक 30 दिसंबर तक एक अकाउंट में 5,000 रुपए से ज्यादा मूल्य के पुराने नोट सिर्फ एक बार ही जमा किया जा सकेगा।
फैसले के मुताबिक 5000 से ज्यादा की रकम जमा कराने के लिए बैंक को इसकी वजह बतानी होगी। पैसा जमा करने वाले को बैंक के दो अफसरों की मौजूदगी में बताना होगा कि वह अब तक पैसे क्यों नहीं जमा करवा पाया। यह बातचीत रिकॉर्ड में रखी जाएगी ताकि बाद में इसकी छानबीन की जा सके।
इसके अलावा उन्हीं ग्राहकों का पैसा जमा किया जाएगा जिसका केवाईसी हो चुका है। केवाईसी अपडेट ना होने की सूरत में 50 हजार रुपये तक ही जमा किए जाएंगे। हालांकि यह फैसला प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत घोषित या जमा की गई रकम पर लागू नहीं होगा।
डिजिटल इकनॉमी को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस ने कहा कि ई-वॉलेट कंपनियों को आम आदमी के नुकसान की कीमत पर मुनाफा हो रहा है। उन्होंने कहा, 'मोदीजी का मकसद साधारण है। गरीबों से लेकर अमीरों को दे दो। मोदी जी कैशलेस इकनॉमी के बारे में बात करते हैं। अब हमार बैंक कैशलेस है और एटीएम पहले से ही कैशलेस है।'
HIGHLIGHTS
- कांग्रेस ने नोटबंदी और ईपीएफ ब्याज दरों में कटौती को 'दोहरा सर्जिकल स्ट्राइक' करार दिया
- कांग्रेस ने कहा कि सरकार को ईपीएफ की ब्याज दरों में कटौती के फैसले को वापस लिए जाने की मांग की
Source : News Nation Bureau