Advertisment

आधार संशोधन को धन विधेयक में लाया गया तो न्यायालय में देंगे चुनौती : कांग्रेस

पार्टी ने यह भी दावा किया कि आधार कानून की धारा 57 का निरस्त होना ‘भाजपा के मुंह पर तमाचा’ है.

author-image
Rajeev Mishra
एडिट
New Update
आधार संशोधन को धन विधेयक में लाया गया तो न्यायालय में देंगे चुनौती : कांग्रेस

आधार कार्ड पर कोर्ट के फैसले को कांग्रेस ने अपनी जीत बताया है.

Advertisment

कांग्रेस ने आधार से संबंधित उच्चतम न्यायालय के फैसले का मंगलवार को स्वागत किया और कहा कि अगर सरकार आने वाले दिनों में आधार से जुड़े संशोधन विधेयक को धन विधेयक के तौर पर लाएगी तो उसे वह शीर्ष अदालत में चुनौती देगी. पार्टी ने यह भी दावा किया कि आधार कानून की धारा 57 का निरस्त होना ‘भाजपा के मुंह पर तमाचा’ है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘आज उच्चतम न्यायालय ने हमारी बात मान ली और धारा 57 को असंवैधानिक ठहराया है. न्यायालय ने ये भी कहा कि सरकार को कोई अधिकार नहीं है कि राष्ट्रीय सुरक्षा का बहाना बनाकर किसी का आधार नंबर लें.’’

पढ़ें- स्कूल, कॉलेज में एडमिशन या फिर किसी परीक्षा में आधार कार्ड दिखान नहीं होगा जरूरी, सुप्रीम कोर्ट का आदेश

उन्होंने धन विधेयक के संबंध में उच्चतम न्यायालय के एक न्यायाधीश के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि आने वाले दिनों में अगर आधार विधेयक में किसी संशोधन को धन विधेयक के तौर पर लाया गया तो हम न्यायालय जाएंगे.’’ उन्होंने कहा, 'मोदी जी ने बिना सोचे-समझे नोटबंदी की, फिर इसी तरह जीएसटी लागू कर दिया, राफेल खरीद लिया. आधार कानून को लेकर भी बिना सोचे-समझे कदम उठाया.'

पढ़ें- आधार कार्ड फैसले पर जानें सुप्रीम कोर्ट की 10 जरूरी बातें

सिब्बल ने आरोप लगाया, 'यह आधार नहीं, सरकारी अधिकार कानून और निजी कंपनियों का अधिकार कानून बन गया. अगर वे उस वक्त हमारी बात मान लेते तो करोडों लोगों का डेटा निजी कंपनियों के पास नहीं जाता.' उन्होंने कहा कि आधार विधयेक को धन विधेयक के तौर पर लाना असंवैधानिक ही नहीं, बल्कि लोकतंत्र के खिलाफ फैसला था.

पढ़ें- आधार कार्ड पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, यहां जानें अब कहां-कहां पड़ेगी Aadhar की जरूरत

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'उच्चतम न्यायालय के ‘आधार’ निर्णय ने कांग्रेस पार्टी द्वारा उठाए सवालों पर नागरिकों के ‘निजता के अधिकार’ को स्वीकार किया." उन्होंने कहा, 'न्यायालय ने मोदी सरकार की निजता का ‘गला घोंटू’ धारा 57 को ख़ारिज किया-अब सरकार आधार को बैंक खातों,मोबाइलफ़ोन,स्कूल आदि से नहीं जोड़ सकेगी.' कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा , ‘‘यह भाजपा के मुंह पर तमाचा है. न्यायमूर्ति सीकरी के फैसले ने आधार अधिनियम की धारा 57 को निरस्त कर दिया और कहा कि यह असंवैधानिक है. बायोमैट्रिक डेटा का व्यावसायिक उपयोग करने की योजना विफल हुई.’’

पढ़ें- आधार की अनिवार्यता खत्म, अब बैंक खाता खोलने या फिर वित्तीय सेवा के लिए नहीं मांग सकते आधार कार्ड

दरअसल , उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को अपने फैसले में केन्द्र की महत्वाकांक्षी योजना आधार को संवैधानिक रूप से वैध करार दिया. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा कि आधार का लक्ष्य कल्याणकारी योजनाओं के लाभ को समाज के वंचित तबके तक पहुंचाना है और वह ना सिर्फ व्यक्तिगत बल्कि समुदाय के दृष्टिकोण से भी लोगों के सम्मान का ख्याल रखती है.

पढ़ें- Aadhaar के बिना अब ऐसे मिलेगा Sim कार्ड, SC के फैसले के बाद बदले नियम

इस निर्णय के अनुसार, आधार कार्ड/नंबर को बैंक खाते से लिंक/जोड़ना अनिवार्य नहीं है. इसी तरह टेलीकॉम सेवा प्रदाता उपभोक्ताओं को अपने फोन से आधार नंबर को लिंक कराने के लिये नहीं कह सकते. पीठ ने कहा कि आयकर रिटर्न भरने और पैन कार्ड बनवाने के लिए आधार अनिवार्य है.

Source : PTI

aadhar Supreme Court congress BJP Aadhaar number Aadhaar dispute
Advertisment
Advertisment
Advertisment