कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बयान पर पलटवार किया है. उन्होंने डोभाल के बयान पर कहा कि अगर सुभाष चंद्र बोस होते तो भारत का विभाजन न होता, ऐसा कोई निश्चित नहीं कह सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि 1940 तक नेताजी ने फॉरवर्ड ब्लॉक का गठन कर दिया था. इस पर उनकी राय जरूर हो सकती है, मगर यह एक विरोधाभासी सवाल की तरह है. कांग्रेस नेता का दावा है कि डोभाल भी तथ्यों को तोड़-मरोड़ करने वाले क्लब से जुड़ गए हैं.
जयराम रमेश ने पलटवार करते हुए, चार सवाल किए. उनका कहना है कि अजीत डोभाल अधिक नहीं बोलते हैं, मगर अब वे उन लोगों में शामिल हो चुके हैं, जो तथ्यों के साथ तोड़-मरोड़ करते हैं. उन्होंने पूछा, क्या नेताजी ने गांधी को चुनौती दी थी? बेशक. उन्होंने ऐसा किया. क्या नेताजी वामपंथी थे? बेशक वह थे. क्या नेताजी धर्मनिरपेक्ष थे? बेशक डटकर और दृढ़ता के साथ. क्या विभाजन नहीं होता अगर नेताजी जीवित होते? कौन कह सकता है यह क्योंकि 1940 तक नेताजी फॉरवर्ड ब्लॉक बना ली थी. इस किसी की राय जरूर हो सकती है, लेकिन यह एक विरोधाभासी प्रश्न है.
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि वे डोभाल को रुद्रांशु मुखर्जी की 2015 की बेहतरीन किताब पैरेलल लाइव्स की एक प्रति जरूर भेजेंगे. उसे पढ़कर सही इतिहास के बारे जरूर देख लेना चाहिए.
TMC ने बयान पर किया पलटवार
डोभाल के बयान पर टीएमसी ने भी पलटवार किया है. तृणमूल सांसद सुखेंदु शेखर रे ने कहा कि मुस्लिम लीग और हिंदू महासभा भारत के बंटवारे के लिए समान रूप से जिम्मेदार हैं. गौरतलब है कि डोभाल ने सुभाष चंद्र बोस मेमोरियल में लेक्चर दिया था. इसमें उन्होंने कहा था कि नेताजी में गांधी को चुनौती देने का दुस्साहस था. अगर वह उस समय होते तो देश का विभाजन नहीं होता. इसका कारण है कि जिन्ना भी सुभाष चंद्र बोस के समर्थक थे.
Source : News Nation Bureau