एयर इंडिया भारत में फंसे विदेशी नागरिकों को उनके देश पहुंचाने में व्यस्त है, जिसके लिए उसे सराहना भी मिल रही है. लेकिन कांग्रेस ने इसके चालक दल के सदस्यों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए हैं और आरोप लगाया है कि कोरोनावायरस (Corona Virus) के चलते सरकार हमारे पॉयलटों और चालक दल के सदस्यों को खतरे में डाल रही है और फिर यहां फंसे अपने नागरिकों को निकालने के लिए अन्य देश अपने विमानों का उपयोग क्यों नहीं कर रहे हैं. प्रशिक्षित पायलट और कांग्रेस नेता जयवीर शेरगिल ने सरकार पर सवाल उठाए और कहा, जर्मनी, कनाडा, फ्रांस अपने नागरिकों को यहां से ले जाने के लिए एयर इंडिया को चार्टर कर रहे हैं.
उन्होंने पूछा कि क्यों जर्मनी लुफ्तांसा, कनाडा एयर कनाडा और फ्रांस एयर फ्रांस का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं. शेरगिल ने कहा, सरकार ने हमारे पायलट क्रू को खतरे में क्यों डाला है, जिनके पास पहले से ही सुरक्षा को लेकर शिकायतें हैं. एयर इंडिया अपने मिशन के तहत चीन से भारतीय नागरिकों को यहां लेकर आई थी. इसबीच एयर इंडिया ने अपने बयान में कहा है, ये सभी उड़ानें डीजीसीए के तहत सभी सुरक्षात्मक प्रोटोकॉल के साथ संचालित हो रही हैं. विभिन्न दूतावासों के आग्रहों की वजह से एयर इंडिया यहां फंसे जर्मनी, फ्रांस, आयरलैंड और कनाडाई नागरिकों को उनके देश पहुंचान के लिए 18 चार्टर विमानों का संचालन करेगी.
आपको बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब लॉक डाउन के दौरान कांग्रेस ने केंद्र सरकार के किसी फैसले पर सवाल उठाया हो. इसके पहले कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नभी सरकार के लॉकडाउन के फैसले पर सवाल उठाया था. उनके इस वीडियो को शेयर करते हुए कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने भी सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया था.
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सोनिया गांधी ने उठाए थे लॉकडाउन पर सवाल
गुरुवार को देश में कोरोनावायरस के संक्रमण के संकट की वजह से केंद्र सरकार द्वारा पूरे देश में संपूर्ण लॉकडाउन पर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पीएम मोदी पर हमला बोला था. गुरुवार को सोनिया गांधी ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया था. इस बैठक में सोनिया गांधी ने पीएम मोदी के लॉकडाउन के फैसले पर हमला बोलते हुए कहा था कि, देश में कोरोना वायरस के संकट को देखते हुए 21 दिन का लॉकडाउन तो बहुत जरूरी था, लेकिन इसे बिना सोचे समझे बिना किसी योजना के गलत तरीके से लागू किया गया. लॉकडाउन के कारण लाखों प्रवासी मजदूरों का उत्पीड़न हुआ.
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सोनिया गांधी ने सरकार से किया आग्रह
सोनिया गांधी के मुताबिक लॉकडाउन के बाद देश में लाखों लोगों को सैकड़ों किलोमीटर तक का पलायन देखने के बाद से हर किसी का दिल दहल गया था. सोनिया गांधी ने आगे कहा कि यह हमारा कर्तव्य है कि हम उनकी पीड़ा को कम करने के लिए भरपूर कोशिश करें. उन्होंने कहा, मैं सरकार से आग्रह करना चाहती हूं कि वह कोरोना से संबंधित अस्पतालों, बेड की संख्या, लोगों को पृथक रखने एवं जांच की सुविधाओं और आम लोगों तक चिकित्सा सुविधाओं की पहुंच का विवरण उपलब्ध कराए. सोनिया गांधी इतने पर ही चुप नहीं हुईं थी उन्होंने आगे कहा था कि केंद्र सरकार डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मचारियों को व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण प्रदान करे और अस्पतालों में बेडों की संख्या और कोरेंटीन वार्ड की संख्या को बढ़ाए ताकि ज्यादा से ज्यादा संदिग्धों को इलाज के लिए अस्पतालों में रोका जा सके.
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गृहमंत्री अमित शाह ने सोनिया गांधी को दिया था करारा जवाब
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरूवार को कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी कोरोना वायरस के मुद्दे पर ‘तुच्छ राजनीति’ कर रही है और उसे लोगों को ‘गुमराह’ करने की बजाए देशहित में सोचना चाहिए. शाह की यह जवाब कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की सरकार पर देशव्ययापी लॉकडाउन को बिना योजना बनाए लागू करने का आरोप लगाने के कुछ ही देर बाद दिया था. केंद्रीय गृहमंत्री ने ट्विटर पर लिखा था कि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में भारत के प्रयासों की घरेलू और वैश्विक स्तर पर प्रशंसा हो रही है. 130 करोड़ भारतीय कोविड-19 को परास्त करने में एकजुट हैं. उन्होंने कहा, इसके बावजूद, कांग्रेस तुच्छ राजनीति कर रही है. वक्त की जरूरत है कि वे (कांग्रेस) देशहित में सोचें और लोगों को गुमराह करना बंद करें.