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पीएम मोदी के भाषण पर कांग्रेस ने सवाल उठाए, पूछा- आज के हुक्मरान चीन का नाम लेने से क्यों डरते हैं

कांग्रेस ने शनिवार को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के बाद सवाल किया कि आखिर आज के हुक्मरान चीन का नाम लेने से डरते क्यों हैं.

Updated on: 15 Aug 2020, 01:47 PM

दिल्ली:

कांग्रेस ने शनिवार को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के बाद सवाल किया कि आखिर आज के हुक्मरान चीन का नाम लेने से डरते क्यों हैं. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि अब हर देशवासी को सरकार से यह सवाल करना होगा कि चीन को भारत की सरजमीं से कैसे पीछे धकेला जाएगा. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर चल रहे तनाव के बीच शनिवार को कहा कि भारत की संप्रभुता का सम्मान सर्वोपरि है और जिसने भी इस पर आंख उठाई, देश व देश की सेना ने उसे उसकी ही भाषा में जवाब दिया.

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देश के 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से मोदी ने कहा, 'नियंत्रण रेखा (एलओसी) से लेकर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) तक देश की संप्रभुता पर जिस किसी ने आंख उठाई है, देश ने, देश की सेना ने उसका उसी की भाषा में जवाब दिया है.' प्रधानमंत्री के संबोधन के बाद सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, 'भारत के सशस्त्र बलों पर सभी देशवासियों और कांग्रेस को गर्व है. हमारी सेना ने ही हमेशा सीमाओं की रक्षा की और हर बार आक्रमकण होने पर दुश्मनों को करारा जवाब दिया है. सेना के तीनों अंगों अैर अर्धसैनिक बलों को हमारी से सलाम.'

उन्होंने कहा, 'हमें यह भी सोचना होगा कि आज हुक्मरान चीन का नाम लेने से डरते क्यों हैं? आज जब चीन हमारी सरजमीं पर अतिक्रमण किए हुए है तो उसे पीछे कैसे धकेलना है, भारत मां की रक्षा कैसे करनी है, इस पर हर भारतवासी को सोचना होगा और सरकार से जवाब मांगना होगा. यह सच्ची आजादी का प्रतिबिंब है.' कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री की ओर से ‘आत्मनिर्भर भारत’ पर जोर दिए जाने को लेकर सरकार पर तंज किया. उन्होंने सवाल किया, 'हर भारतवासी को सोचना है कि आज आजादी के मायने क्या हैं? क्या हमारी सरकार प्रजातंत्र में विश्वास रखती है, जनमत और बहुमत में विश्वास रखती है? इस देश में बोलने, सोचने, कपड़ा पहनने और आजीविका कमाने की आजादी है या कहीं न कहीं इन पर अंकुश लग गया है?'

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सुरजेवाला ने कहा, 'आत्मनिर्भर भारत की बुनियाद पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल और दूसरे स्वतंत्रता सेनानियों ने रखी थी. अब जब हम आत्मनिर्भर भारत की बात करते हैं तो यह सवाल पूछना पड़ेगा कि जो सरकार सार्वजनिक उपक्रमों को बेच दे और रेलवे एवं हवाई अड्डों का निजीकरण कर रही हो, वो इस देश की आजादी को सुरक्षित रख पाएगी?'