कांग्रेस ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दलितों के मुद्दे पर 'चुप्पी' साधे रखने का आरोप लगाया और कहा कि यह इस बात का संकेत है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) व राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) दलित-मुक्त भारत के लिए काम कर रहे हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने संवाददाताओं से कहा, 'यह अक्सर कहा जाता है कि जब विद्रोह की आवाजें अंदर से आती हैं तो इसका मतलब है कि स्थिति तनावपूर्ण, चिंताजनक, खतरनाक है। दलितों के खिलाफ बढ़ती हिंसा व मोदी सरकार की दलित विरोधी मानसिकता को लेकर चिंतित, डरा हुआ व दुखी हूं। यहां तक कि बीजेपी के दलित सांसद भी सवाल उठा रहे हैं।'
उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के 20 मार्च के आदेश में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम को कमजोर करने को लेकर हुए व्यापक विरोध प्रदर्शन के बाद भी प्रधानमंत्री चुप्पी साधे हुए हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा, "मोदी की दलित मुद्दे पर चुप्पी बताती है कि भारतीय जनता पार्टी व राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ 'दलित मुक्त भारत' की दिशा में काम कर रहे हैं और मोदी अनुसूचित जाति व जनजाति के गुस्से व पीड़ा का आनंद ले रहे हैं।"
कांग्रेस ने सरकार व बीजेपी पर यह हमला ऐसे समय में किया है, जब सत्तारूढ़ दल के दलित सांसद उदित राज, सावित्री बाई फुले, छोटे लाल खरवार, अशोक कुमार दोहरे व यशवंत सिन्हा ने मोदी को पत्र लिखकर अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति से कथित दुर्व्यवहार को लेकर अपनी नाराजगी जताई है।
प्रधानमंत्री से जवाब मांगते हुए शेरगिल ने कहा है कि क्या वह अपनी पार्टी के सांसदों की चिंताओं का जवाब देंगे या हमेशा की तरह आंख मूंदे रहेंगे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस लगातार इन कमजोर तबकों की दुदर्शा को उजागर करती रही है, लेकिन 'ढोंगी बीजेपी नेतृत्व जानबूझकर समाज को बांटकर आग से खेलता नजर आ रहा है।'
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Source : IANS