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कांग्रेस ने JNU हिंसा पर दिल्ली पुलिस की जांच पर उठाए सवाल, कहा- अमित शाह की भी हो जांच

कांग्रेस ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में पिछले दिनों हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस की ओर से कुछ संदिग्धों की तस्वीरें जारी किए जाने के बाद पुलिस पर राजनीतिक दबाव में काम करने का आरोप लगाया.

Updated on: 10 Jan 2020, 07:57 PM

दिल्ली:

कांग्रेस ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में पिछले दिनों हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस की ओर से कुछ संदिग्धों की तस्वीरें जारी किए जाने के बाद पुलिस पर राजनीतिक दबाव में काम करने का आरोप लगाया और कहा कि जेएनयू के कुलपति जगदीश कुमार के साथ ही शहर के पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक को तत्काल हटाया जाए.

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पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता अजय माकन ने कुछ वीडियो और तस्वीरें पेश करते हुए दिल्ली पुलिस की जांच पर सवाल खड़े किए और कहा कि इस घटना की न्यायिक जांच होनी चाहिए एवं जांच के दायरे में गृह मंत्री अमित शाह को भी लाया जाए. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि हमें उम्मीद थी कि दिल्ली पुलिस की जांच में न्याय दिखेगा, जो लोग दोषी हैं उनके नाम लिए जाएंगे, जिन नकाबपोशों को लोगों ने टीवी पर देखा, उनकी पहचान की जाएगी. लेकिन दुख की बात यह है कि दिल्ली पुलिस की जांच की निष्पक्षता पर प्रश्नचिन्ह लग गए हैं.

अजय माकन ने पांच जनवरी को जेएनयू परिसर में हिंसा का उल्लेख करते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस ने उस दिन साढ़े तीन बजे की घटना का उल्लेख करके नौ नाम निकाले, लेकिन शाम से रात तक जिन लोगों ने वहां हिंसा की उनके बारे में कुछ नहीं कहा. तस्वीर में दिल्ली पुलिस जिस एक युवक को विकास पटेल बता रही है, हकीकत में उसका नाम शिव मंडल है. इससे पुलिस की जांच पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं.

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इस मामले में उन्होंने पुलिस पर संलिप्तता का आरोप लगाया और कहा कि कुलपति को हटाया जाए. इसके साथ पुलिस कमिश्नर को तत्काल प्रभाव से हटाया जाए. माकन ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पहले ही कहा है कि इस घटना की निष्पक्ष न्यायिक जांच होनी चाहिए. हम फिर से दोहराते हैं कि इस मामले की न्यायिक जांच हो.

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस मामले में गृह मंत्री की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए. गौरतलब है कि जेएनयू में हिंसा के सिलसिले में दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को नौ संदिग्धों की तस्वीर जारी की और दावा किया कि जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष उनमें से एक थीं. पुलिस ने कहा कि नौ में से सात वामपंथी छात्र संगठनों से जुड़े हैं, जबकि दो दक्षिणपंथी छात्र संगठन से जुड़े हैं.