2019 लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस तैयार, यह है गेम प्लान
राहुल गांधी की ओर से गठित इस टास्क फोर्स में जयपाल रेड्डी, अर्जुन मोढवाडिया, शक्ति सिंह गोहिल, प्रियंका चतुर्वेदी, जयवीर शेरगिल के साथ पवन खेड़ा भी शामिल होंगे।
नई दिल्ली:
आगामी विधानसभा और 2019 के लोकसभा चुनावों में मोदी सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस ने एक टास्क फोर्स का गठन किया है। कांग्रेस की ओर से गठित इस टास्क फोर्स का काम होगा कि वो केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार के कार्यकाल में हुए कथित राफेल घोटाले को जनता के सामने उजागर करे। पार्टी के आधिकारिक सूत्रों की मानें तो इस टास्क फोर्स के सदस्यों को खुद पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने चुना है।
राहुल गांधी की ओर से गठित इस टास्क फोर्स में जयपाल रेड्डी, अर्जुन मोढवाडिया, शक्ति सिंह गोहिल, प्रियंका चतुर्वेदी, जयवीर शेरगिल के साथ पवन खेड़ा भी शामिल होंगे। इस टास्क फोर्स की अगुवाई जयपाल रेड्डी करेंगे।
ऐसा बताया जा रहा है कि यह टास्क फोर्स 6 महीने के अंदर देश के 160 जिलों को कवर करेगा और राफेल के मुद्दे को लेकर जनता तक पहुंचेगा। इस दौरान यह टास्क फोर्स देश के अलग-अलग शहरों में 100 सभाएं भी करेगा। इस टास्क फोर्स के अभियान का पहला चरण 25 अगस्त से शुरू हो सकता है।
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul ghandhi) की अध्यक्षता में पार्टी के महासचिवों, प्रदेश प्रभारियों, पार्टी के विधायक दल के नेताओं और प्रदेशाध्यक्षों की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई। बैठक के बारे में जानकारी देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि बैठक में 'चुनावी राज्यों में राजनीतिक चुनौतियों पर चर्चा की गई।'
सुरजेवाला ने कहा कि इस बैठक में मोदी सरकार की ओर से फ्रांस से लड़ाकू विमान खरीदने के लिए किए गए राफेल सौदे (Rafale deal) पर भी चर्चा हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि इस सौदे से सरकारी खजाने को 41,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी 'भ्रष्टाचार का खेल, राफेल' को उजागर करने के लिए एक आंदोलन शुरू करेगी।
सुरजेवाला ने कहा, 'यह फैसला किया गया कि मोदी सरकार के घोटालों को, खासतौर से राफेल घोटाले को देश के लोगों के बीच ले जाया जाएगा। अगले 30 दिनों में कांग्रेस कार्यकर्ता जिला और राज्य स्तरीय प्रदर्शन करेंगे।'
उन्होंने आरोप लगाया कि राफेल सौदे का एक ठेका सरकारी कंपनी हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लि. से 'छीन कर' निजी कंपनी को दे दिया गया।
गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से कांग्रेस राफेल के मुद्दे को लेकर मोदी सरकार पर लगातार हमलावर रही है। हैदराबाद में 14 अगस्त को एक रैली के दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि वह इस 'घोटाले' पर पीएम नरेंद्र मोदी के साथ डिबेट करना चाहेंगे। हालांकि केंद्र सरकार ने राफेल के मुद्दे पर कांग्रेस के आरोपों को यह कहकर खारिज कर दिया कि वह सत्तारूढ़ दल की छवि को नुकसान पहुंचाना चाहती है।
बीते दिनों इस मुद्दे पर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि (कांग्रेस द्वारा) विभिन्न प्रेस कॉन्फ्रेंस में लगाए गए आरोपों का जवाब पहले ही संसद में दिया जा चुका है।
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