नागरिकता संशोधन अधिनियम (Citizenship Amendment Act 2019) पर पूर्वोत्तर (North East) सहित देश के कई हिस्सों में आंदोलन की आग फैली हुई है, ऐसे में कांग्रेस (Congress) कोई मौका चूकना नहीं चाहती. कांग्रेस ने आज दिल्ली के रामलीला मैदान (Ramleela Maidan) में 'भारत बचाओ (Bharat Bachao Rally)' नाम से बड़ी रैली बुलाई है, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Dr. Manmohan Singh) के अलावा सोनिया गांधी (Sonia Gandhi), राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) शिरकत करेंगी. इन नेताओं के अलावा पार्टी के अन्य कई वरिष्ठ नेता भी रैली को संबोधित करेंगे. कांग्रेस इस रैली में बीजेपी पर विभाजनकारी नीतियों को लागू करने को लेकर जमकर बरसेंगे. रैली में की गई तैयारियों को देखकर लगता है कि मोदी सरकार (Modi Sarkar) की नीतियों के विरोध के बहाने कांग्रेस एक बार फिर से राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की अध्यक्ष के रूप में ताजपोशी का मजबूत आधार तैयार करना चाहती है. दिल्ली में आगामी माह में होने वाले विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly election) को देखते हुए भी यह रैली खासी महत्वपूर्ण मानी जा रही है.
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रैली को राहुल गांधी सबसे अंत में संबोधित करेंगे. इसके पीछे की रणनीति यह है कि किसी भी रैली को सबसे अंत में सबसे बड़ा नेता ही संबोधित करता है. राजनीतिक जानकारों के अनुसार, कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं को यह संदेश देना चाहती है कि राहुल गांधी ही उनके सर्वमान्य नेता हैं और आगे भी वहीं पार्टी की सबसे बड़ी जिम्मेदारी संभालने वाले हैं. इससे पहले कांग्रेस के तीन मुख्यमंत्रियों कमलनाथ, अशोक गहलोत और भूपेश बघेल ने राहुल गांधी को फिर से अध्यक्ष बनाने की मांग की थी.
रैली में राहुल गांधी का मास्क पहनकर 20 हजार कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे. ऐसा इसलिए किया गया है कि मीडिया में संदेश जाए कि कार्यकर्ताओं की पहली पसंद राहुल गांधी ही हैं. रामलीला मैदान में राहुल गांधी का एक बड़ा कटआउट भी लगाया गया है.
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रैली के लिए खास स्लोगन तैयार किया गया है- 'मोदी है तो मंदी है.' यूथ कांग्रेस के 5 हजार कार्यकर्ता जो स्वेटर पहनकर रैली में मौजूद रहेंगे, उन पर यह नारा अंकित होगा. कांग्रेस ने इस रैली में भीड़ जुटाने के लिए आसपास के प्रदेशों की इकाइयों को भी लक्ष्य दिए हैं. राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा को 50-50 हजार लोगों को लाने को कहा गया है.
रैली में अलग-अलग मुद्दों पर मोदी सरकार को घेरने के लिए अलग-अलग नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है. पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और पी चिदंबरम मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर निशाना साधेंगे तो गुलाम नबी आजाद जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाएंगे. कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में आवाज बुलंद करेंगे. रैली में अहमद पटेल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, के सी वेणुगोपाल, मुकुल वासनिक और अविनाश पांडे सहित कांग्रेस के कई शीर्ष नेताओं की मौजूदगी होगी. एक दिन पहले कांग्रेस नेताओं ने रामलीला मैदान का दौरा कर रैली की तैयारियों की समीक्षा की.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो