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कांग्रेस के इस विधायक ने तालिबान का किया समर्थन, अमेरिका पर लगाया ये आरोप

अफगानिस्तान में एक बार फिर तालिबानी राज की वापसी हो गई है. झारखंड के कांग्रेस विधायक ने अफगानिस्तान में तालिबान का समर्थन किया और अमेरिका पर वहां के लोगों पर जुल्म करने का आरोप लगाया है.

Updated on: 03 Sep 2021, 06:33 PM

नई दिल्ली:

अफगानिस्तान में एक बार फिर तालिबानी राज की वापसी हो गई है. झारखंड के कांग्रेस विधायक ने अफगानिस्तान में तालिबान का समर्थन किया और अमेरिका पर वहां के लोगों पर जुल्म करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी (Congress MLA Irfan Ansari) ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि ब्रिटिश और अमेरिकी सेना जहां भी जाती है, वहां लोगों पर अत्याचार करती है. अफगानिस्तान में अब शांति होनी चाहिए, क्योंकि अमेरिकी सैनिक चली गई और ब्रिटिश सेना को खदेड़ दिया गया है. अफगानिस्तान और पाकिस्तान में जो हो रहा है उससे हमें कुछ लेना-देना नहीं है. 

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इरफान अंसारी ने कहा कि अफगानिस्तान और तालिबान को लेकर मेरा मानना है कि वहां पर अमेरिका शासन कर रहा है. वहां अफगानी और तालिबानी लोग काफी खुश हैं, लेकिन ये अमेरिकी फोर्स वहां के लोगों से जायदती कर रही है, मां-बहन और बाल-बच्चों को तंग करती है, उनके खिलाफ यह लड़ाई है. जो मार्केट में फैलाया जा रहा है वो गलत है. अगर किसी भी जनता पर जुल्म होगा तो मैं उसका समर्थन करूंगा. 

आपको बता दें कि अफगानिस्तान से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन पीछे हटे हैं, उससे वाशिंगटन का जो दुनिया को फिर से लीड करने की महत्वाकांक्षा है उस पर दोबारा लोगों को पुनर्मूल्यांकन करना पड़ेगा. 20 साल के अफगान युद्ध की समाप्ति पर मंगलवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में उन्होंने कहा था कि पिछले दो दशकों में हमारे देश का मार्गदर्शन करने वाली विदेश नीति पर आगे बढ़ते हुए हमें अपनी गलतियों से सीखना होगा.

उन्होंने कहा था कि अफगानिस्तान के बारे में यह फैसला सिर्फ अफगानिस्तान के लिए नहीं है. यह अन्य देशों के रीमेक के लिए प्रमुख सैन्य अभियानों के एक युग को समाप्त करने के बारे में है. यह सीनेट की विदेश संबंध समिति के अध्यक्ष के रूप में अफगानिस्तान पर आक्रमण और बाद में इराक में प्रवेश के लिए उनके समर्थन से एक बदलाव है. यह उनके रिपब्लिकन पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रम्प की नीति के साथ एक अभिसरण भी है, जिन्होंने चीन से खतरे पर स्पॉटलाइट डालते हुए विदेशी सैन्य उलझनों का विरोध किया और राष्ट्र-निर्माण का उपहास किया. 

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बाइडेन ने स्वीकार किया कि हमने अफगानिस्तान में आतंकवाद का मुकाबला करने का एक मिशन देखा. आतंकवादियों को पकड़ना और हमलों को रोकना- एक आतंकवाद विरोधी, राष्ट्र-निर्माण में रूपांतरित होना- एक लोकतांत्रिक, एकजुट और एकीकृत अफगानिस्तान बनाने की कोशिश करना- ऐसा कुछ जो अफगानों के इतिहास की कई शताब्दियों में कभी नहीं किया गया है.