टिकट बंटवारे के कारण अंतरकलह को रोकने के लिए कांग्रेस (CONGRESS) ने अपने सभी प्रदेशाध्यक्षों को लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया को इस महीने में पूरा करने का निर्देश दिया है, जिसके बाद कांग्रेस की चुनाव समिति द्वारा उसे मंजूरी दी जाएगी. हालिया विधानसभा (ASSEMBLY ELECTION) चुनाव विशेषकर राजस्थान में टिकट बंटवारे को लेकर कांग्रेस में काफी अंतरकलह देखने को मिली थी, जिसके कारण केंद्रीय नेतृत्व को परेशानी का सामना करना पड़ा था. पार्टी के कई खफा नेताओं ने विरोध दर्ज कराया था और एक दर्जन से ज्यादा नेताओं ने बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ा था.
इस तरह के हालात दोबारा न हो, इससे बचने के लिए राज्य इकाइयों को इस महीने के अंत तक उम्मीदवार चयन प्रक्रिया पूरी करने और सूची सौंपने को कहा गया है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (CONGRESS PRESIDENT RAHUL GANDHI) के साथ महासचिवों और प्रदेश इकाई के अध्यक्षों की हालिया बैठक के दौरान टिकट बंटवारा सबसे बड़े मुद्दों में से एक था. कांग्रेस के एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर आईएएनएस को बताया, "सभी दलों के लिए टिकट बांटना हमेशा एक दिक्कत भरा मुद्दा रहा है. इस बार यह फैसला किया गया है कि टिकट वितरण को अंतिम रूप तभी दिया जाएगा, जब सिफारिश किए गए नामों को मंजूरी मिल गई हो. सभी राज्य इकाइयों को फरवरी अंत से पहले अपनी उम्मीदवार सूची तैयार करनी होगी."
पार्टी नेता ने यह भी कहा कि कांग्रेस मार्च के अंत तक अपने अधिकांश उम्मीदवारों की घोषणा करेगी ताकि उनके पास प्रचार के लिए पर्याप्त समय हो. चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा मार्च के पहले सप्ताह में किए जाने की उम्मीद है. कांग्रेस नेता ने कहा, "कार्यक्रम की घोषणा होने के तुरंत बाद उम्मीदवार सूची क्रम से प्रकाशित की जाएगी और हम मार्च के अंत तक प्रक्रिया को पूरा करने की उम्मीद करते हैं." उम्मीदवार चयन प्रक्रिया में अधिक शक्ति दिए जाने के अलावा प्रदेश इकाइयों से स्थानीय मुद्दों की जानकारी और केंद्रीय मुद्दों पर प्रतिक्रिया मुहैया कराने को भी कहा गया है, जिसे चुनावी घोषणापत्र में शामिल किया जाएगा.
कांग्रेस मार्च में घोषणापत्र (MANIFESTO) जारी कर सकती है
घोषणापत्र समिति में पी. चिदंबरम, (P CHIDAMBARAM) जयराम रमेश, (JAIRAM RAMESH) सलमान खुर्शीद, (SALMAN KHURSID) शशि थरूर (SHASHI THAROOR) और सैम पित्रोदा मुख्य नेता हैं. घोषणापत्र में शामिल किए जाने वाले मुद्दों पर जन प्रतिक्रिया लेने के लिए अब तक 56 शहरों में 176 विचार-विमर्श सभा आयोजित की जा चुकीं है. घोषणापत्र के मुख्य बिंदुओं में से एक राहुल गांधी का बड़ा चुनावी वादा 'न्यूनतम आय गारंटी' भी शामिल होगा. माना जा रहा है कि पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन (RBI GOVERNOR RAGHURAM RAJAN) सहित प्रसिद्ध अर्थशास्त्रियों के परामर्श से इसे तैयार किया जाएगा और यह घोषणापत्र कांग्रेस की योजना का खाका प्रदान करेगा. कांग्रेस इसे 'गेम-चेंजर' बता रही है. महिलाओं, छात्रों और युवाओं सहित पार्टी की विभिन्न शाखाओं के अलावा कांग्रेस ट्रांसजेंडरों से भी विचार ले रही है. ट्रांसजेंडर अधिकारों की कार्यकर्ता अप्सरा रेड्डी को जनवरी में कांग्रेस की महिला शाखा का महासचिव नियुक्त किया गया था.
पार्टी वेबसाइट के माध्यम से लोगों से मांग रही है विचार
पार्टी घोषणापत्र के लिए एक समर्पित वेबसाइट के माध्यम से लोगों से विचार मांग रही है. इस साइट पर लोग अपने विचार और मुद्दे दर्ज करा सकते हैं. चुनावी जंग के लिए रणनीतियों और रोडमैप के अलावा पार्टी नेता, विपक्षी दलों के गैर भाजपा मोर्चे के कॉमन मिनिमम प्रोग्राम (सीएमपी) के एक मसौदे पर भी चर्चा करेंगे और उसका खाका तैयार करेंगे. विपक्षी दलों ने 13 फरवरी को एक बैठक के बाद चुनाव पूर्व समझौता करने का फैसला किया और राहुल गांधी को विपक्षी दलों के बीच एक मसौदा सीएमपी प्रसारित करने का काम सौंपा गया है.
कांग्रेस के एक नेता ने कहा, "सीएमपी में बेरोजगारी, कृषि संकट, लोकतांत्रिक संस्थानों पर हमला व केंद्रीय एजेंसियों का विपक्षियों की आवाज दबाने के लिए दुरुपयोग करना प्रमुख एजेंडा होगा."
Source : IANS