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पी चिदंबरम ने संजय राउत के बयान का किया समर्थन.( Photo Credit : न्यूज नेशन)
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पी चिदंबरम ने संजय राउत के बयान का किया समर्थन.( Photo Credit : न्यूज नेशन)
पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने शिवसेना सांसद संजय राउत के उस आह्वान का समर्थन किया, जिसमें उन्होंने कांग्रेस को यूपीए के सभी सहयोगियों को भाजपा से मुकाबले के लिए एकजुट करने का बीड़ा उठाने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि अगर कांग्रेस और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के रास्ते एक हो जाएं, तो भारत के लिए अच्छा होगा. चिदंबरम ने कहा, 'मैंने संजय राउत का बयान पढ़ा. मुझे लगता है कि उन्होंने एक बहुत ही जिम्मेदार बयान दिया है. वे जो कहते हैं, हमें देश में एक गैर-भाजपा विपक्षी एकता की जरूरत है और कांग्रेस पार्टी को इसका नेतृत्व करना चाहिए. सभी यूपीए दलों को एक साथ लाना चाहिए, मुझे लगता है यह एक बहुत ही समझदार बयान है। मैं संजय राउत से पूरी तरह सहमत हूं.'
उन्होंने राउत की कांग्रेस तक पहुंच और उससे यूपीए पार्टियों को एक साथ लाने में पहल करने के आग्रह की भी सराहना की. चिदंबरम ने कहा, 'यूपीए का नेतृत्व कांग्रेस के पास नहीं है. पुराना यूपीए अभी भी है. सीपीआई, सीपीआई-एम, डीएमके, एनसीपी, राजद .. का यूपीए अभी भी है. राउत का सुझाव है, सभी पूर्ववर्ती यूपीए पार्टियों को फिर से एक साथ आना चाहिए और कांग्रेस को चाहिए कि पहल करे, जो मुझे लगता है कि सही बयान है.' यह पूछे जाने पर कि क्या राउत के सुझाव को कांग्रेस 2022 के गोवा विधानसभा चुनावों में अमल में लाएगी, उन्होंने कहा, 'हम कोशिश करने के लिए तैयार हैं (लेकिन) ताली दो हाथों से बजती है.'
ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस के उदय के बारे में चिदंबरम ने कहा, 'मैं उन्हें 20-25 वर्षो से जानता हूं. उनका एक विशेष दृष्टिकोण है, हमारे पास भी एक दृष्टिकोण है, यदि दोनों दृष्टिकोण मिल जाएं तो यह देश के लिए अच्छा होगा.' चिदंबरम ने मौजूदा दलबदल विरोधी कानून को एक दोषपूर्ण कानून करार दिया और कहा कि अगर कांग्रेस 2024 के आम चुनावों में सत्ता में आती है, तो पार्टी इस कानून में मौजूद खामियों को दूर करेगी.
उन्होंने कहा, 'दलबदल राजनीति का अभिशाप है. यह शर्म की बात है. गोवा के लोगों को उन लोगों को माफ नहीं करना चाहिए जो एक पार्टी के टिकट पर चुने जाते हैं और बेशर्मी से दूसरी पार्टी में चले जाते हैं. यह गोवा की राजनीति का अभिशाप है. हमें 2022 में उस बीमारी को खत्म करना चाहिए. यदि आप एक पार्टी के टिकट पर चुने जाते हैं, तो आपको उस पार्टी के साथ पांच साल की अवधि के लिए रहना होगा.' उन्होंने कहा, 'मैंने कई बैठकों में कहा है कि दलबदल कानून एक दोषपूर्ण कानून है. इस कानून में कई खामियां हैं जिनका लोग इस्तेमाल कर रहे हैं. अगर 2024 में कांग्रेस की सरकार बनती है, तो निश्चित रूप से उन खामियों को दूर किया जाएगा.'
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