यूपी और उत्तराखंड में कांग्रेस की बुरी हार और गोवा में सरकार नहीं बना पाने के कारण पार्टी में अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ गई है और अब केंद्रीय नेतृत्व के साथ-साथ पार्टी प्रभारियों पर भी निशाना साधा जा रहा है। कांग्रेस के सीनियर लीडर में से एक कांग्रेसी नेता सत्यव्रत चतुर्वेदी ने अपनी ही पार्टी पर हमला बोला है। सत्यव्रत चतुर्वेदी ने विधानसभा चुनाव में मिली हार पर कहा कि अब बदलाव करने से क्या फायदा जब करना था तब नहीं किया।
उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड में करारी हार और गोवा-मणिपुर में सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद भी सरकार न बनाने से कांग्रेस में अंदर ही अंदर उबाल है। पार्टी में बदलाव के बारें में पूछे जाने पर सत्यव्रत चतुर्वेदी ने पार्टी पर सीधा हमला बोला। सत्यव्रत चतुर्वेदी ने कहा, 'अब करने से भी क्या होगा, जब करना चाहिए था तब किया नहीं।'
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इसके पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली ने पार्टी में बदलाव, बड़ी सर्जरी और सत्ता विकेंद्रीकरण की जरुरत बताई है। साथ ही उन्होंने यह भी साफ किया कि यह बात सोनिया गांधी या राहुल गांधी पर लागू नहीं होती है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के नतीजों पर बताया कि यह सपा और बसपा की अस्मिता की राजनीति की हार है और कांग्रेस को इस प्रकिया के दौरान नुकसान उठाना पड़ा।
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वहीं दूसरी ओर कांग्रेस में जारी घमासान अब खुलकर सामने आ रहा है। कांग्रेस के विधायक विश्वजीत राणे ने कहा कि 17 विधायकों के बाद भी पार्टी का निर्णय की क्षमता धीरे रही। 'यह कांग्रेस लीडरशिप की असफलता है। किसी एक पर अंगुली नहीं उठा सकते, लेकिन यह एक असफलता है।'
उन्होंने कहा, 'निर्णय लेने की क्षमता में कई कमियां रहीं। 17 सीटें जीतने के बाद भी हम सरकार नहीं बना सके। हमारी प्रक्रिया काफी धीमे रही।' बता दें कि पिछले सप्ताह आए नतीजों में गोवा में कांग्रेस को 17, बीजेपी को 13, महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी, गोवा फॉरवर्ड पार्टी को 3-3 सीटें मिली थीं। एनसीपी को एक सीट पर जीत मिली थी। इसके अलावा 3 सीटें स्वतंत्र उम्मीदवारों को मिले थे।
पांचों राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है। जहां उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड में बीजेपी की सरकार के आगे किसी भी पार्टी की एक ना चली तो वहीं गोवा और मणिपुर में अधिक सीटें मिलने के बावजूद पार्टी अभी भी सरकार बनाने को लेकर जूझ रही है।
Source : News Nation Bureau