1 जुलाई से पूरे देश में लागू होने वाले जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) का अमिताभ बच्चन को ब्रैंड एंबेसडर बनाए जाने को लेकर विवाद शुरू हो गया है। मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष संजय निरुपम ने अमिताभ बच्चन को ब्रांड एंबेसडर ना बनने की सलाह दी है।
संजय निरुपम ने अपने बयान में कहा है, 'कोई जरूरी नहीं की अमिताभ बच्चन जैसे देश के दिग्गज कलाकर सरकार के हर बेवकूफी भरे कदम में उनका साथ दें।' इतना ही नहीं संजय निरूपम ने जीएसटी की आधी अधूरी तैयारियों को लेकर सवाल उठाते हुए कहा, 'पीएम मोदी और जेटली जानते हैं कि व्यापारी इसका विरोध कर रहे हैं इसलिए वो इससे बचने के लिए अमिताभ बच्चन के नाम का सहारा ले रहे हैं। अमिताभ बच्चन को इस पाप से बचना चाहिए।' निरुपम ने कहा, 'वो सुपरस्टार को बहुत सम्मान देते हैं और इस वजह से सरकार के जीएसटी के लिए इस्तेमाल किए जाने पर उन्हें सावधान करना चाहते हैं।'
उन्होंने कहा, 'एक देश एक कर का विचार था, लेकिन जो लागू किया जा रहा है वह एक देश और चार कर हैं। भारतीयों को बेवकूफ क्यों बनाया जा रहा है? और एक आईकॉन और उनकी विश्वसनीयता का इस्तेमाल उन्हें मूर्ख बनाने में क्यों।' कुछ रिपोर्ट के अनुसार, अमिताभ ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी कि उन्हें यह करने के लिए कहा गया और इस वजह से उन्होंने ऐसा किया।
केंद्र सरकार के जारी किए गए 40 सेकेंड के ऐड वीडियो में अमिताभ नई कर व्यवस्था जीएसटी के फायदे बता रहे हैं और इसे देश को एक सूत्र में बांधने वाला टैक्स सुधार कह रहे हैं। इससे पहले केंद्र सरकार बैडमिंटन खिलाड़ी पी वी सिंधु को भी जीएसटी का एंबेसडर बना चुकी है।
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अमिताभ इससे पहले भी केंद्र सरकार के स्वच्छता अभियान और पोल्स पोलियो अभियान के लिए विज्ञापन कर चुके हैं। 30 जून की मध्य रात्रि को जीएसटी को पूरे देश में लॉन्च किया जाएगा। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी इसे आधिकारिक तौर पर लॉन्च करेंगे।
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HIGHLIGHTS
- अमिताभ बच्चन को जीएसटी का ब्रांड एंबेेसडर बनाए जाने को लेकर राजनीति तेज
- संजय निरूपम ने कहा सरकार के पाप का भागीदार ना बने अमिताभ बच्चन
Source : News Nation Bureau