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पिता के मौत के सवाल पर राहुल गांधी ने दिया ये जवाब

कांग्रेस नेता राहुल गांधी बुधवार को पुडुचेरी पहुंचे हैं. वहां राहुल गांधी ने एक कॉलेज में स्टूडेंट्स के साथ बातचीत की. इससे पहले उन्होंने मछुआरा समुदाय के लोगों से भी बात की. इन सब के बाद वह एक सार्वजनिक बैठक में भी हिस्सा लेने वाले हैं.

Updated on: 17 Feb 2021, 05:52 PM

पुडुचेरी:

राहुल गांधी इन दिनों पुडुचेरी के दौरे पर हैं. यहां उन्होंने एक सभा को संबोधित किया. इस दौरान एक महिला ने राहुल गांधी से उनके पिता की मृत्यु के बारे में पूछा. राहुल गांधी ने इस सवाल पर कहा कि मुझे किसी के प्रति क्रोध या घृणा नहीं है. मैंने अपने पिता को खो दिया है और यह मेरे लिए एक मुश्किल समय था. मुझे बहुत दर्द हुआ. बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी बुधवार को पुडुचेरी पहुंचे हैं. वहां राहुल गांधी ने एक कॉलेज में स्टूडेंट्स के साथ बातचीत की. इससे पहले उन्होंने मछुआरा समुदाय के लोगों से भी बात की. इन सब के बाद वह एक सार्वजनिक बैठक में भी हिस्सा लेने वाले हैं.

इस दौरान पुडुचेरी में कॉलेज स्टूडेंट्स से बात करते हुए राहुल गांधी ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, यदि आप देश को बंद कर रहे हैं, लोगों को डराने और उन्हें बात करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं, तो आप देश के चरित्र और भविष्य को खराब कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी नौजवान को किसी से डरकर खामोश नहीं होना चाहिए. यही उसकी शक्ति है.

पुडुचेरी में भारतीदासन गवर्नमेंट महिला कॉलेज में बोलते हुए उन्होंने कहा, अगर 3-4 बड़ी कंपनियां ही देश को चलाएंगी तो हमारा भविष्य क्या होगा? आप लोगों को यह समझना जरूरी है कि इस देश में रोज़गार छोटे-मध्यम उद्योगों, किसान, ट्रेडर्स उपलब्ध कराते हैं. यह देश की रीड की हड्डी हैं.

राहुल गांधी ने पुडुचेरी पहुंचकर वहां के मछुआरों से मुलाकात की और उनसे बातचीत की. राहुल गांधी ने मछुआरों से भी कृषि कानूनों पर बातचीत की और वहां पर मौजूद मीडिया से बातचीत में बताया कि आप सोच रहे होंगे कि राहुल गांधी मछुआरों से किसानों के कानून के बारे में बातचीत क्यों कर रहे हैं. तो राहुल गांधी ने आगे बताया कि मैंने सोचा कि मैं आपको बता दूं कि मैं मछुआरों को भी किसान ही मानता हूं. उन्होंने कहा कि मैं मछुआरों को समुद्र का किसान मानता हूं.

राहुल गांधी ने आगे कहा कि सरकार ने जो तीन कृषि कानून पारित किए हैं वो किसानों के लिए हितकर नहीं है. सरकार ने ये कृषि बिल किसानों के खिलाफ लागू किए है. किसान इस देश की रीढ़ हैं अगर उनके खिलाफ ये कानून वापस नहीं लिया गया तो वो कहीं के नहीं रहेंगे.