कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोनभद्र नरसंहार पीड़ितों के घर आकर मिलने का वादा निभाया है. मंगलवार को प्रियंका गांधी ने सोनभद्र के उभ्भा गांव पहुंचकर नरसंहार के पीड़ितों से मुलाकात की. वो उस जगह पर भी पहुंचीं जहां 10 लोगों को गोलियों से भून दिया गया था. कांग्रेस महासचिव ने गांव के कई घरों में जाकर लोगों का हाल-चाल पूछा. उन्होंने इस घटना में घायल हुए लोगों के परिजनों से उनका हालचाल भी जाना. हालांकि इस दौरान वो मीडिया के कैमरे से बचती रही और कुछ भी सवाल पूछने बाद में बात करने की बात कहकर टालती रहीं.
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प्रियंका गांधी से मिलने के बाद पीड़ित परिवारों ने News State से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि जिस जमीन के लिए हमारा खून बहा है, हमें वो जमीन चाहिए. यही हमारी मांग है. पीड़ित परिवारों ने कहा कि हमने प्रियंका गांधी से भी जमीन वापसी की मांग की है.
प्रियंका गांधी आज सुबह करीब 10 बजे वाराणसी के लालबहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर उतरी. वाराणसी हवाईअड्डे पर उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और फिर यहां से वो सड़क मार्ग के जरिए सोनभद्र के लिए रवाना हुई. प्रियंका गांधी उभ्भा गांव जाने को निकलीं तो मिर्जापुर के नारायणपुर में पहुंचने पर लोगों को देखकर उन्होंने अपनी गाड़ी रुकवा दी. इस दौरान वहां खड़ी महिलाओं ने प्रियंका का स्वागत किया. प्रियंका गांधी भीड़ के बीच जा पहुंची, जहां लोगों ने उन्हें माला पहनाई. इस दौरान एसपीजी सुरक्षा में लगे जवान लोगों को दूर करते रहे, लेकिन प्रियंका ने सबसे हाथ मिलाया और मुस्कुराते हुए अभिवादन कर वापस अपनी कार में सवार होकर सोनभद्र के लिए रवाना हो गईं.
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सोनभद्र में पीड़ितों से मिलने से पहले प्रियंका गांधी ने ट्वीट पर लिखा, 'चुनार के किले पर मुझसे मिलने आए उभ्भा गांव के पीड़ित परिवारों के सदस्यों से मैंने वादा किया था कि मैं उनके गांव आऊंगी. आज मैं उभ्भा गांव के बहनों-भाइयों और बच्चों से मिलने, उनका हालचाल सुनने-देखने, उनका संघर्ष साझा करने सोनभद्र जा रही हूं.'
गौरतलब है कि 17 जुलाई को भूमि पर कब्जा करने को लेकर उभ्भा गांव में नरसंहार हुआ था. उसमें दस लोगों की जान चली गई थी और 28 लोग घायल हो गए थे. घटना के दो दिन बाद ही 19 जुलाई को प्रियंका वाड्रा पीड़ितों से मिलने के लिए आ रही थीं. रास्ते में ही उन्हें नारायणपुर में रोक दिया गया. इस दौरान वह वहीं धरने पर बैठ गईं. इसके बाद उन्हें नारायणपुर से चुनार स्थित अतिथि गृह ले जाया गया. जहां उन्होंने रात गुजारी. वहीं पहुंची उभ्भा गांव की महिलाओं से मिलकर प्रियंका वापस चली गई थीं.
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