New Update
/newsnation/media/post_attachments/images/2018/01/31/44-Chidambaram.jpg)
पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम (फोटो-PTI)
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम (फोटो-PTI)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'एक देश, एक चुनाव' फॉर्मूले को पूर्व वित्त मंत्री और दिग्गज कांग्रेसी नेता पी चिदंबरम ने 'जुमला' करार दिया है।
दिल्ली में अपनी किताब 'स्पीकिंग ट्रुथ टु पावर' के विमोचन पर चिदंबरम ने कहा, 'एक देश एक टैक्स एक जुमला था और अब एक देश एक चुनाव एक जुमला है।
उन्होंने कहा, 'संसदीय राजनीति में मौजूदा संविधान के तहत आप एक साथ चुनाव नहीं करा सकते। आप बस नकली तौर पर साथ चुनावों का दिखावा भर कर सकते हैं- कुछ चुनाव पहले और कुछ बाद में करा कर। मगर तीस राज्यों में आप ये कैसे कर सकते हैं?'
आपको बता दें कि मोदी सरकार ने सोमवार को लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने पर राजनीतिक सहमति के लिए सतत संवाद का आह्वान किया था।
सरकार ने कहा कि निरंतर चुनावों को दरकिनार करने की जरूरत है, क्योंकि यह अर्थव्यवस्था व शासन पर भार डालता है और विकास को नुकसान पहुंचाता है।
बजट सत्र की शुरुआत में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के बाद प्रधानमंत्री ने अपने इस महत्वाकांक्षी कदम का आह्वान किया।
और पढ़ें: शोपियां फायरिंग के दौरान घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे FIR में नामजद मेजर
संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा था, 'देश में बार-बार होने वाले चुनावों के प्रतिकूल प्रभावों को देखते हुए सरकार के प्रति संवेदनशील लोग चिंताग्रस्त हैं। देश में बार बार चुनाव होने से न केवल मानव संसाधनों पर अतिरिक्त भार पड़ता है बल्कि आचार सहिता लागू होने के कारण देश की विकास प्रक्रिया में बाधा आती है।'
उन्होंने कहा, 'इसलिए एक साथ चुनाव को लेकर ज्यादा से ज्यादा बातचीत होनी चाहिए और राजनीतिक दलों के बीच एक समझौते के प्रयास किए जाने चाहिए।'
समाजवादी पार्टी (सपा) और वामदलों ने एक साथ पूरे देश में चुनाव कराए जाने का विरोध किया है।
सपा नेता नरेश अग्रवाल ने कहा, 'जिन राज्यों में 2 से तीन साल तक का टर्म बचा है विधानसभा का, क्या वहां के सीएम इसके लिए तैयार होंगे?'
और पढ़ें: कॉल ड्रॉप रोकने के लिए 74000 करोड़ रुपये का निवेश
HIGHLIGHTS
Source : News Nation Bureau