जम्मू एवं कश्मीर विधनासभा को अचानक भंग किए जाने पर निशाना साधते हुए पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने गुरुवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) द्वारा नियुक्त राज्यपाल सत्यपाल मलिक के लिए संसदीय लोकतंत्र पुराना हो गया है. पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के एक साथ आकर सरकार बनाने का दावा करने के बाद तुरंत विधानसभा भंग करे देने के मलिक के नाटकीय फैसले के एक दिन बाद चिदंबरम ने ट्विटर के जरिए उन पर निशाना साधा है.
चिदंबरम ने कहा, 'जब तक किसी ने भी सरकार बनाने का दावा नहीं किया था तब तक जम्मू एवं कश्मीर के राज्यपाल विधानसभा को निलंबित रखकर खुश थे. जैसे ही किसी ने सरकार बनाने का दावा किया, उन्होंने विधानसभा को भंग कर दिया.' पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, 'लोकतंत्र का वेस्टमिंस्टर मॉडल (लोकतांत्रिक संसदीय प्रणाली) पुराना हो गया है. अन्य मामलों की तरह, यह गुजरात मॉडल है, जो जम्मू एवं कश्मीर के राज्यपाल को पसंद आया है.'
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नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला और पीडीपी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी राज्यपाल के इस फैसले पर सवाल उठाए हैं.
बता दें कि एक दिन पहले राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विधानसभा को उस समय भंग कर दिया था, जब पीडीपी ने सरकार बनाने का दावा पेश किया था. पीडीपी के अनुसार, उसे कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस का समर्थन हासिल था. दूसरी ओर, बीजेपी के समर्थन से पीपुल्स कांफ्रेंस के सज्जाद लोन ने भी दावा पेश कर दिया. उसके बाद राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विधानसभा भंग कर दिया. अब राज्य में चुनाव का रास्ता साफ हो गया है.
Source : IANS