कांग्रेस संसदीय दल के नेता के रूप में पार्टी ने अधीर रंजन चौधरी के नाम पर मुहर लगाई है. लोकसभा में विपक्ष का नेता बनने के लिए कांग्रेस के पास जरूरी आंकड़ा न होने के कारण उसे यह सीट नहीं मिलेगी. लेकिन लोकसभा में पार्टी का नेता बनने को लेकर अधीर रंजन चौधरी, मनीष तिवारी और शशि थरूर का नाम आगे चल रहा था, लेकिन बाजी मार ले गए चौधरी. अधीर रंजन चौधरी लोकसभा में कांग्रेस के नेता की कुर्सी पर बैठे. मलिकार्जुन खड़गे की कुर्सी पर बैठे.थोड़ी देर में होगी अधिकारिक घोषणा.
पहले नाम के तौर पर अधीर रंजन चौधरी चर्चा में थे. वे पश्चिम बंगाल के प्रदेश अध्यक्ष के साथ केंद्र में मंत्री भी रह चुके हैं. अधीर रंजन चौधरी पश्चिम बंगाल के बहरामपुर से 5वीं बार सांसद चुने गए हैं. रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस ने इन्हें पार्टी की तरफ से प्रतिनिधि के रूप में भेजा था.
यह भी पढ़ेंः लोकसभा स्पीकर पद के लिए 10 पार्टियों ने कोटा के सांसद ओम बिड़ला का किया समर्थन
चौधरी के बाद मनीष तिवारी का भी नाम चर्चा में था. मनीष 17वीं लोकसभा में श्री आनंदपुर साहिब सीट से सांसद चुने गए हैं. कांग्रेस में छात्र राजनीति से ही सक्रिय मनीष तिवारी एनएसयूआई के महासचिव और अध्यक्ष भी रह चुके हैं. इसके अलावा वह यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे हैं. यूपीए सरकार में वे सूचना और प्रसारण मंत्री भी रह चुके हैं. इसके अलावा वह पार्टी के प्रवक्ता के रूप में भी काम कर चुके हैं. केरल से तीसरी बार सांसद बने कांग्रेस के दिग्गज नेता शशि थरूर भी इस दौड़ में शामिल थे.
बहरामपुर से 5वीं बार सांसद
लोकसभा चुनाव 2019 : बहरामपुर में कांग्रेस उम्मीदवार और मौजूदा सांसद अधीर रंजन चौधरी ने तृणमूल कांग्रेस की अपूर्बा सरकार को 80 हजार से ज्यादा मतों के अंतर से शिकस्त दी. बहरामपुर सीट पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पश्चिम बंगाल की राजनीति में दमखम रखने वाले अधीर रंजन चौधरी का दबदबा रहा है. अधीर चौधरी 1999 में बहरामपुर सीट से पहली बार चुनाव मैदान में उतरे और जीत हासिल की. अधीर चौधरी ने 2004, 2009 और 2014 और 2019 में लगातार जीत दर्ज की और सांसद चुने गए.