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भारत (India) क्यों नहीं करता हांगकांग-तिब्बत (Hongkong-Tibbat) की बात, चीन (China) के कश्मीर (Kashmir) वाले बयान पर कांग्रेस ने जताई नाराजगी

दरअसल चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारत दौरे से पहले कहा था कि कश्मीर के मुद्दे पर चीन की नजर है और वो इस पर UN के नियमों का पालन करेगा

Updated on: 10 Oct 2019, 01:25 PM

नई दिल्ली:

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के जम्मू-कश्मीर वाले बयान पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है और केंद्र सरकार से तिब्बत और हांगकांग के मुद्दे पर बात करने के लिए कहा है. कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने गुरुवार को ट्वीट करते हुए कहा, अगर चीन के राष्ट्रपति कह रहे हैं कि उनकी नजर जम्मू-कश्मीर पर है, तो प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्रालय ये क्यों नहीं कहता कि भारत हांगकांग में हो रहे लोकतंत्र को लेकर प्रदर्शन को देख रहा है. शिंजियांग में हो रहे मानवाधिकार के उल्लंघन, तिब्बत और साउथ चाइना में चीन के दखल को भारत लगातार देख रहा है.’

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क्या था चीन का बयान

दरअसल चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारत दौरे से पहले कहा था कि कश्मीर के मुद्दे पर चीन की नजर है और वो इस पर UN के नियमों का पालन करेगा. कांग्रेस सांसद ने इसी बयान पर नाराजगी जाहिरकी है. वहीं इमरान खान और शी जिनपिंग से मुलाकात करने से पहले बीजिंग की तरफ से कहा गया था कि कश्मीर का मुद्दा भारत-पाकिस्तान को आपसी बातचीत के जरिए सुलझाना चाहिए. हालांकि इसके तुरंत बाद चीन ने बुधवार को अपने बयान से बयान से यू टर्न ले लिया और एक बार फिर पाकिस्तान के पक्ष में बयान दे दिया. चीन ने कहा कि चीन इस मामले में नज़र बनाए हुए है. जम्मू-कश्मीर का मसला पुराने इतिहास का एक विवाद है, जिसे शांतिपूर्ण तरीके से संयुक्त राष्ट्र चार्टर, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के नियमों के हिसाब से सुलझाया जाना चाहिए. चीन का यह बयान ऐसे वक्‍त आया है, जब 11 अक्टूबर यानी कल ही चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारत के पीएम नरेंद्र मोदी महाबलीपुरम में अनौपचारिक बैठक करने वाले हैं.

चीन की ओर से जारी इस बयान के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, हमने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के बीच बैठक को लेकर रिपोर्ट देखी है, जिसमें उन्होंने अपनी बातचीत के दौरान कश्मीर का भी उल्लेख किया है. भारत का पक्ष पुराना और स्पष्ट है कि जम्मू-कश्मीर भारत का आंतरिक मसला है. चीन हमारे पक्ष से अच्छी तरह वाकिफ है. भारत के आंतरिक मामलों पर किसी अन्य देश को टिप्पणी करने का कोई हक नहीं है.