नौकरी में आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद एकनाथ खडगे ने सरकार को दी ये सलाह

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को कहा कि आरक्षण के संबंध में उच्चतम न्यायालय के हालिया आदेश के मद्देनजर केन्द्र सरकार या तो पुनर्विचार याचिका दायर करे, या फिर आरक्षण को मूल अधिकार बनाने के लिए संविधान में संशोधन करे.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को कहा कि आरक्षण के संबंध में उच्चतम न्यायालय के हालिया आदेश के मद्देनजर केन्द्र सरकार या तो पुनर्विचार याचिका दायर करे, या फिर आरक्षण को मूल अधिकार बनाने के लिए संविधान में संशोधन करे.

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Deepak Pandey
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Mallikarjun Kharge

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे( Photo Credit : फाइल फोटो)

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को कहा कि आरक्षण के संबंध में उच्चतम न्यायालय के हालिया आदेश के मद्देनजर केन्द्र सरकार या तो पुनर्विचार याचिका दायर करे, या फिर आरक्षण को मूल अधिकार बनाने के लिए संविधान में संशोधन करे. खड़गे ने कहा, ‘‘कम से कम अब भारत सरकार को जागना चाहिए. वे या तो विधि विभाग से सलाह करके संविधान के अनुच्छेद 16(4)(बी) और (सी) में संशोधन कर सकते हैं या फिर पुनर्विचार याचिका दायर कर मामले की सुनवाई संविधान पीठ द्वारा कराए जाने का अनुरोध कर सकते हैं.’’

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे को संसद के भीतर और बाहर दोनों जगह उठाएगी. उच्च्तम न्यायालय ने हाल ही में दिए अपने फैसले में कहा कि राज्य सरकारें नियुक्ति में आरक्षण देने के लिए बाध्य नहीं हैं और पदोन्नति में आरक्षण का दावा करने का कोई मूल अधिकार नहीं है. न्यायालय ने उत्तराखंड सरकार की पांच सितंबर, 2012 के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया.

प्रदेश सरकार ने अनुसूचित जाति और जनजाति (एससी, एसटी) को आरक्षण दिए बगैर ही सरकारी नौकरियों में रिक्तियां भरने का आदेश दिया था. कांग्रेस नेता का दावा है कि संविधान से जुड़े इस मामले की सुनवाई दो सदस्यीय पीठ द्वारा नहीं की जानी चाहिए थी. इसकी सुनवाई पूर्ण (संविधान) पीठ द्वारा की जानी चाहिए थी. भाषा अर्पणा सुभाष सुभाष

Source : Bhasha

Supreme Court Congress Leader Mallokarjun Kharge
      
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