कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे
ऋषि शुक्ला को सीबीआई के नए निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है. मध्य प्रदेश काडर के 1983 बैच के आईपीएस अधिकारी शुक्ला अलोक वर्मा की जगह लेंगे, जिन्हे 10 जनवरी को सीबीआई निदेशक पद से हटा दिया गया था. पीएम मोदी ने नेतृत्व वाली चयन समिति ने सीबीआई निदेशक पद के लिए शुक्ला के नाम पर मुहर लगाई. कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने ऋषि कुमार शुक्ला को सीबीआई निदेशक के तौर पर नियुक्त किये जाने पर आपत्ति जताई है. कांग्रेस नेता ने पीएम मोदी को भेजे गए डिसेंट नोट में लिखा कि आईपीएस अफसर ऋषि शुक्ला को भ्रष्टाचार विरोधी जांच में पर्यापत अनुभव नहीं है.
Congress leader Mallikarjun Kharge in a dissent note to the Prime Minister expressed his objection over the appointment of IPS officer Rishi Kumar Shukla as the new CBI Director citing the officer's lack of experience in anti-corruption investigations. (File pic) pic.twitter.com/B8XcEfbSqc
— ANI (@ANI) February 2, 2019
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगुवाई वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति की एक फरवरी की बैठक के संदर्भ में अपने असहमति पत्र में कहा है कि समिति ने सहमति जताई थी कि पैनल में नामों के शामिल करने के लिए वरिष्ठता क्रम, एसीआर (वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट) और भ्रष्टाचार विरोधी जांच का कम से कम 100 महीने के अनुभव तीन प्रमुख आधार बनाए गए थे, लेकिन इनका पालन नहीं हुआ.
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, 'जो भी उन्होंने (मल्लिकार्जुन खड़गे) कहा वह निराधार है और तथ्यों पर आधारित नहीं है. सीबीआई डायरेक्टर के चयन के लिए उद्देश्य मानदंड का पालन किया गया है.' जितेंद्र सिंह ने खड़गे पर निशाना साधते हुए कहा कि वह अपनी पसंद के अधिकारियों को शॉर्टलिस्ट करना चाहते थे.
बता दें कि सीबीआई प्रमुख चुनने के लिए समिति पिछले नौ दिनों में दो बार बैठक कर चुकी है. शुक्रवार को भी प्रधानमंत्री के आवास पर बैठक हुई थी. यह बैठक एक घंटे से ज्यादा समय तक चली. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे बैठक में शामिल हुए. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई थी. कोर्ट का कहना है कि वह अंतरिम सीबीआई निदेशक की नियुक्ति को लेकर 'अनिच्छुक' है और केन्द्र को 'तत्काल' सीबीआई के नियमित निदेशक की नियुक्ति करनी चाहिए.
आलोक वर्मा को हटाये जाने के बाद से सीबीआई प्रमुख का पद 10 जनवरी से ही खाली है. भ्रष्टाचार के आरोपों पर गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना के साथ वर्मा का टकराव हुआ था. वर्मा और अस्थाना दोनों ने एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये थे.
वर्मा को हटाये जाने के बाद से एम नागेश्वर राव सीबीआई के अंतरिम प्रमुख के तौर पर कार्यरत हैं.प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली समिति द्वारा सीबीआई निदेशक पद से हटाए जाने के बाद वर्मा को महानिदेशक दमकल सेवा, नागरिक सुरक्षा और गृह रक्षा बनाया गया था. हालांकि वर्मा ने इस पद को स्वीकार नहीं किया.
Source : News Nation Bureau