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नई शिक्षा नीति का कांग्रेस नेता खुशबू ने किया समर्थन, राहुल गांधी से मांगी माफी

मोदी सरकार ने नई शिक्षा नीति का ऐलान कर दिया है. नई शिक्षा नीति का कहीं स्वागत हो रहा तो कहीं विरोध. कांग्रेस जहां नई शिक्षा नीति को लेकर सवाल उठा रही है. वहीं उसके कई नेता इस शिक्षा नीति के पक्ष में हैं.

Updated on: 30 Jul 2020, 08:30 PM

नई दिल्ली :

मोदी सरकार ने नई शिक्षा नीति का ऐलान कर दिया है. नई शिक्षा नीति का कहीं स्वागत हो रहा तो कहीं विरोध. कांग्रेस जहां नई शिक्षा नीति को लेकर सवाल उठा रही है. वहीं उसके कई नेता इस शिक्षा नीति के पक्ष में हैं. फिल्म अभिनेत्री और कांग्रेस नेता खुशबू सुंदर (khushbu sundar) ने इस शिक्षा नीति का स्वागत किया है. उन्होंने ट्वीट कर कांग्रेस नेता राहुल गांधी से पार्टी लाइन के इतर जाने पर माफी भी मांगी है.

खुशबू सुंदर ने ट्वीट कर कहा, 'नई शिक्षा नीति 2020 पर मेरा स्टैंड मेरी पार्टी से अलग है और मैं इसके लिए राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से माफी मांगती हूं. लेकिन मैं कठपुतली या रोबोट की तरह सिर हिलाने के बजाए तथ्यों पर बात करती हूं. अपने नेता से हम हर चीज पर सहमत नहीं हो सकते, लेकिन बतौर नागरिक बहादुरी से अपनी राय या विचार रख सकते हैं.'

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कांग्रेस नेता खुशबू ने एक के बाद एक कई ट्वीट करके कहा, 'राजनीति महज शोर मचाने के लिए नहीं है, इसके बारे में मिलकर साथ काम करना है. और भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री कार्यालय को इसे समझना होगा. बतौर विपक्ष, हम इस पर विस्तार से देखेंगे और खामियों को इंगित करेंगे. भारत सरकार को नई शिक्षा नीति से जुड़ी खामियों को लेकर हर किसी को विश्वास में लेना चाहिए.'

उन्होंने आगे कहा कि मैं सकारात्मक पहलुओं को देखना पसंद करती हूं और नकारात्मक चीजों पर काम करती हूं. हमें समस्याओं के समाधान की पेशकश करनी है न कि केवल आवाजें बुलंद करना. विपक्ष का मतलब देश के भविष्य के लिए काम करना भी है.

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खुशबू ने अगले ट्वीट में कहा, ' संघ से जुड़े लोग रिलेक्स हो सकते हैं, लेकिन उन्हें आनन्दित नहीं होना चाहिए. मैं बीजेपी में नहीं जा रही हूं. मेरी राय मेरी पार्टी से अलग हो सकती है, लेकिन मैं खुद की सोच के साथ एक व्यक्ति हूं. हां, नई शिक्षी नीति में कुछ जगहों पर खामियां है, लेकिन मुझे अभी भी लगता है कि हम सकारात्मकता के साथ बदलाव को देख सकते हैं.

बता दें कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को नयी शिक्षा नीति को मंजूरी दे दी जिसमें स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक कई महत्वपूर्ण बदलाव किये गए हैं.  इस नीति में यह खाका प्रस्तुत किया गया है कि नीतिगत जरूरतों के अनुरूप शिक्षकों के प्रशिक्षण संबंधी मांगों को कैसे पूरा किया जायेगा.