Advertisment

कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल बोले - देशद्रोह तब होता है जब सत्ता में बैठे लोग संस्थाओं के साथ छेड़छाड़ करते हैं

यह बयान उस वक्त आया है जब जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में दो साल पहले हुई कथित नारेबाजी के मामले में दिल्ली पुलिस ने हाल ही में कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है जिसमें धारा 124ए भी लगाई गयी है.

author-image
Deepak Kumar
एडिट
New Update
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल बोले - देशद्रोह तब होता है जब सत्ता में बैठे लोग संस्थाओं के साथ छेड़छाड़ करते हैं

कपिल सिब्बल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता

Advertisment

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने देशद्रोह से जुड़ी भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए को खत्म करने की पैरवी करते हुए बुधवार को कहा कि वर्तमान में इस औपनिवेशिक कानून की जरूरत नहीं है. उनका यह बयान उस वक्त आया है जब जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में दो साल पहले हुई कथित नारेबाजी के मामले में दिल्ली पुलिस ने हाल ही में कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है जिसमें धारा 124ए भी लगाई गयी है. सिब्बल ने ट्वीट किया, 'देशद्रोह के कानून (आईपीसी की धारा 124ए) को खत्म किया जाए. यह औपनिवेशिक है.' 

उन्होंने कहा, 'असली देशद्रोह तब होता है जब सत्ता में बैठे लोग संस्थाओं के साथ छेड़छाड़ करते हैं, कानून का दुरुपयोग करते हैं, हिंसा भड़काकर शांति एवं सुरक्षा की स्थिति खराब करते हैं.'  सिब्बल ने कहा, 'इन लोगों को 2019 (लोकसभा चुनाव) में दंडित करिये. सरकार बदलो, देश बचाओ.' 

बता दें कि दिल्ली पुलिस ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र नेताओं कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य और सात कश्मीरी छात्रों के खिलाफ देशद्रोह के एक मामले में सोमवार को आरोप-पत्र दाखिल किया. कन्हैया, उमर और अनिर्बान को तीन साल पहले फरवरी 2016 में 'राष्ट्र विरोधी' नारे लगाने के लिए गिरफ्तार किया गया था.

महानगर दंडाधिकारी सुमित आनंद के समक्ष आरोप-पत्र दायर किया गया, जिन्होंने मामले की अगली सुनवाई मंगलवार को तय की है. पुलिस ने आरोप-पत्र में जानबूझ कर चोट पहुंचाना, जालसाजी, फर्जी दस्तावेज का उपयोग करना, गैरकानूनी रूप से इकट्ठे होना, दंगा और आपराधिक षड्यंत्र रचने से संबंधित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए हैं.

यह मामला संसद भवन हमले के मुख्य साजिशकर्ता अफजल गुरु को फांसी दिए जाने के विरुद्ध जेएनयू परिसर में फरवरी 2016 को आयोजित कार्यक्रम में देश विरोधी नारे लगाए जाने से जुड़ा है.

आरोप-पत्र में कन्हैया कुमार के अलावा जेएनयूएसयू की पूर्व उपाध्यक्ष शहला राशिद और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता डी. राजा की बेटी अपराजिता के नाम भी शामिल हैं, लेकिन वे आरोपी के रूप में नहीं हैं.

राशिद और अपराजिता समेत 36 अन्य लोगों पर भी विवादित कार्यक्रम में शामिल होने के आरोप हैं, लेकिन पुलिस को उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं मिले.

और पढ़ें- सीबीआई निदेशक एम नागेश्वर राव की नियुक्ति के खिलाफ दायर याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई

कुमार, खालिद और भट्टाचार्य के साथ-साथ जम्मू एवं कश्मीर के सात छात्र -आकिब हुसैन, मुजीब हुसैन, मुनीब हुसैन, उमर गुल, रइया रसूल, बशीर भट और बशरत पर भी देशद्रोह, गैरकानूनी रूप से इकट्ठा होने और आपराधिक षड्यंत्र रचने के आरोप हैं.

Source : News Nation Bureau

Kanhaiya Kumar sedition law JNU sedition JNUSU delhi-police congress Kapil Sibal
Advertisment
Advertisment
Advertisment