कांग्रेस के बड़े नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया भी अब मोदी सरकार के साथ, 370 हटाने के फैसले को सराहा
धारा 370 हटाने के विरोध के बावजूद बिहार के सुपौल से सांसद रहीं रंजीता रंजन समेत कांग्रेस के कई बड़े नेता मोदी सरकार के साथ.
नई दिल्ली:
जम्मू-कश्मीर से धारा 370 (Article 370) और अनुच्छेद 35A को हटाने का जहां कांग्रेस विरोध कर रही है वहीं अब कांग्रेस के बड़े और दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया भी अब मोदी सरकार के फैसले के साथ खड़े नजर आए. इससे पहले कांग्रेस की नेता रंजीता रंजन भी जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और 35 A हटाने के मोदी सरकार के फैसले को सही ठहरा चुकी हैं. ज्योतिरादित्य ने ट्वीट कर कहा है कि मैं JammuAndKashmir & Ladakh पर भारत सरकार के कदम और भारत के संघ में इसके पूर्ण एकीकरण का समर्थन करता हूं.बेहतर होता अगर संवैधानिक प्रक्रिया का पालन किया गया होता. तब कोई सवाल नहीं उठाया जा सकता था. फिर भी, यह हमारे देश के हित में है और मैं इसका समर्थन करता हूं.
I support the move on #JammuAndKashmir & #Ladakh and its full integration into union of India.
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) August 6, 2019
Would have been better if constitutional process had been followed. No questions could have been raised then. Nevertheless, this is in our country’s interest and I support this.
बिहार के सुपौल से सांसद रहीं रंजीता रंजन ने भी कहा है कि क्योंकि हम विपक्ष में हैं, इसलिए लोग हमसे विरोध की उम्मीद करते हैं. लेकिन मेरी राय में, अनुच्छेद 370 (Article 370) को रद्द करने का निर्णय, वैसे भी अस्थायी था और इसे रद्द करना पड़ा, सही निर्णय है.
#WATCH Congress leader Ranjeet Ranjan on #Article370 (Article 370)revoked: Because we're in opposition, people expect us to oppose. But in my opinion, the decision to revoke Article 370 (Article 370), that was anyway temporary & had to be revoked, is the right decision pic.twitter.com/v6C30CT1ap
— ANI (@ANI) August 6, 2019
कांग्रेस नेता रंजीता रंजन ने कहा, 'हमें खुशी है कि सरकार अनुच्छेद 370 (Article 370) को खत्म कर रही है. कश्मीरी पंडितों को काफी दर्द झेलना पड़ा है. पहले कश्मीर के लोगों के साथ अन्याय हो रहा था.' उन्होंने कहा कि अब कश्मीर में दूसरे राज्यों के लोग जमीन भी खरीद सकते हैं. रंजीत रंजन ने कहा कि उनके पति को कश्मीर में स्वीकार नहीं किया गया, जबकि उनकी बहन के पति को स्वीकर कर लिया गया.
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रंजन ने यह भी कहा कि 370 (Article 370) के हटने से मैं बहुत खुश हूं. यह मेरी निजी राय है. हां यह जरूर है कि आप विपक्ष में हैं तो हर बात का विरोध ही करें. मैं भी कश्मीरी पंडित हूं और यह हटना चाहिए था. मैं कश्मीर से ताल्लुक रखती हूं. मेरे माता पिता कश्मीरी हैं. इससे उनका भला होगा. मैं बिहार में शादी कर ली, लेकिन एक बेटी होने के नाते मुझे जमीन लेने का हक भी नहीं मिला.
जानें कौन हैं रंजीता रंजन
रंजीत रंजन जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष और मधेपुरा से सांसद पप्पू यादव की पत्नी हैं. वह 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बावजूद बिहार के सुपौल सीट से जीतकर संसद पहुंची थीं. रंजीत रंजन ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और जदयू प्रत्याशी दिलेश्वर कामत को 60 हजार वोटों से हराकर पहली बार लोकसभा पहुंचीं. भाजपा यहां तीसरे नंबर पर थी. लेकिन 2019 के लोक सभा चुनाव में उन्हें जदयू प्रत्याशी ने करारी शिकस्त दी. बिहार की सुपौल लोकसभा सीट से पर हुए लोकसभा चुनाव 2019 में जदयू के प्रत्याशी विजय कुमार ने कांग्रेस की उम्मीदवार पूर्व सांसद रंजीता रंजन को 2 लाख 66 हजार 853 वोटों से हराया.
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रंजीता रंजन के अलाव कांग्रेस के कई नेता अनुच्छेद 370 को हटाए जाने का समर्थन करते भी दिखाई दिए. कांग्रेस कार्यसमित के सदस्य दीपेंदर हुड्डा ने Article 370 को हटाए जाने का समर्थन किया है. उन्होंने अपने एक ट्वीट में कहा है कि उनकी व्यक्तिगत राय रही है कि 21वीं सदी में अनुच्छेद 370 का औचित्य नहीं है और इसको हटना चाहिए. ऐसा सिर्फ देश की अखंडता के लिए ही नहीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर जो हमारे देश का अभिन्न अंग है, के हित में भी है. अब सरकार की यह जिम्मेदारी है कि इसका क्रियान्वयन शांति और विश्वास के वातावरण में हो.
मेरा पहले से ये विचार रहा है कि 21वी सदी मे अनुच्छेद 370 का औचित्य नही है और इसको हटना चाहिये.ऐसा देश की अखण्डता व जम्मू-कश्मीर की जनता जो हमारे देश का अभिन्न अंग है के हित मे भी है.
— Deepender S Hooda (@DeependerSHooda) August 5, 2019
मगर पूर्णत: मौजूदा सरकार की ज़िम्मेदारी है की इस का क्रियान्वरण शांति व विश्वास के वातावरण मे हो pic.twitter.com/6A7i1l5KNn
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वहीं दूसरी ओर युवा कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने भी मोदी सरकार (Modi Government) का समर्थन किया है उन्होंने एक ट्वीट में कहा है कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि अनुच्छेद 370 को उदार बनाम रूढ़िवादी बहस में तब्दील कर दिया गया. पार्टियों को अपनी विचारधारा से अलग हटकर इस पर बहस करनी चाहिए कि भारत की संप्रभुता और संघवाद, जम्मू-कश्मीर में शांति, कश्मीरी युवाओं को नौकरी और कश्मीरी पंडितों के न्याय के लिए बेहतर क्या है.
Milind Deora, Mumbai Congress President: Unfortunate that #Article370 is being converted into liberal vs conservative debate.Parties should put aside ideological fixations&debate what’s best for India’s sovereignty,peace in J&K,jobs for Kashmiri youth&justice for Kashmiri Pandits pic.twitter.com/6BtZY6elou
— ANI (@ANI) August 5, 2019
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वहीं ऑर्टिकल 370 (Article 370) में ऐतिहासिक फैसले के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सदन में कांग्रेस के रुख पर नाराजगी जताई है. भले ही कांग्रेस जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 (Article 370) हटाए जाने का विरोध कर रही है, लेकिन पार्टी महासचिव और गांधी परिवार की सदस्य प्रियंका गांधी इसके पक्ष में खड़ी होती नजर आ रही हैं. प्रियंका गांधी से पहले जनार्दन द्विवेदी सहित कांग्रेस के कई और वरिष्ठ नेता भी कश्मीर में ऑर्टिकल 370 (Article 370) पर मोदी सरकार के समर्थन में खड़े दिखाई दिए.
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आपको बता दें कि सोमवार को मोदी सरकार ने राज्यसभा (Rajya Sabha) में जम्मू-कश्मीर की अनुच्छेद 370 (Article 370) की अधिकतर धाराओं को खत्मकर जम्मू कश्मीर और लद्दाख को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया है. बीजेपी जहां इस फैसले को 'ऐतिहासिक निर्णय' मानकर जश्न मना रही है, वहीं मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस (Indian Natioanl Congress) इस बात को लेकर कंफ्यूजन में है कि वह केंद्र सरकार के कदम का समर्थन करे या विरोध करे.
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