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छिपाने के लिए कुछ नहीं है, हिज्बुल आतंकवादी के साथ कोई संबंध नहीं : सरूरी

वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व मंत्री जीएम सरूरी (GM Saroori) ने बुधवार को कहा कि उनके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है और किसी से प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है.

Updated on: 12 Feb 2020, 04:31 PM

highlights

  • किश्तवाड़ को चार दशक पहले आतंकवाद से मुक्त घोषित किया गया था.
  • नवंबर 2018 के बाद से वह चार हत्याओं से दहल गया.
  • वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व मंत्री जीएम सरूरी से एनआईए कर रही पूछताछ.

नई दिल्ली:

जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) के किश्तवाड़ जिले में आतंकवादी हमलों (Terrorist Attack) के संबंध में एनआईए (NIA) द्वारा पूछताछ करने के एक दिन बाद वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व मंत्री जीएम सरूरी (GM Saroori) ने बुधवार को कहा कि उनके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है और किसी से प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है. उन्होंने हिज्बुल मुजाहिदीन (Hizbul Mujahadeen) के सबसे लंबे समय तक जीवित आतंकवादी रहे और किश्तवाड़ में आतंकवाद को फिर से खड़ा करने के पीछे सरगना रहे मोहम्मद अमीन भट उर्फ 'जहांगीर सरूरी. के साथ किसी तरह का संबंध होने से सख्ती से इनकार किया.

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आतंकवाद मुक्त किश्तवाड़ हत्याओं से दहला
किश्तवाड़ को चार दशक पहले आतंकवाद से मुक्त घोषित किया गया था, लेकिन नवंबर 2018 के बाद से वह चार हत्याओं से दहल गया. कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं किश्तवाड़ के इंदरवाल निर्वाचन क्षेत्र से तीन बार विधायक रहे सरूरी ने यहां पत्रकारों से कहा, 'भट का न तो सरूरी और न ही मेरे परिवार से संबंध है. एनआईए को इस साजिश की जांच करने की जरूरत है कि 2014 के बाद उसके कोडनेम में सरूरी नाम क्यों जोड़ा गया जबकि पहले वह पुलिस रिकॉर्ड में केवल जहांगीर के नाम से जाना जाता था.'

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एनआईएन ने दिया कांग्रेसी नेता को नोटिस
67 वर्षीय नेता ने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने सीआरपीसी की धारा 160 के तहत उन्हें नोटिस दिया है और उनके खिलाफ कोई आरोप नहीं लगाए हैं. उन्होंने कहा, 'एजेंसी ने 300 से अधिक लोगों को यह नोटिस दिया है और एक प्रतिष्ठित शख्स होने के नाते मुझे भी बुलाया गया है. मेरे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है तथा मुझे दस और बार एजेंसी के समक्ष पेश होने में कोई दिक्कत नहीं है.' सरूरी ने कहा कि वह अपने बयान पर हस्ताक्षर करने के लिए बुधवार को फिर से एनआईए कार्यालय जा रहे हैं.

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आतंकियों से संबंध को नकारा
अपने कथित आतंकी संपर्कों के बारे में मनगढ़ंत और निराधार कहानियां फैलाए जाने की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने पूर्व में कभी आरोप का सामना नहीं किया. उन्होंने कहा, 'एनआईए ने भट के बारे में मुझसे पूछताछ की. मैं उसे नहीं जानता और उसका मेरे परिवार से कोई संबंध नहीं है. यहां तक कि वह सरूरी भी नहीं है और उसका ताल्लुक उस गांव से है जो सरूर पंचायत के तहत आता है जबकि मेरा पैतृक गांव सरथाल है और हम क्षेत्र में आतंकवाद के चरम पर पहुंचने के दौरान 1992-93 में किश्तवाड़ शहर विस्थापित हुए.'

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भारतीय संविधान में जताई आस्था
कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में कभी भट को नहीं देखा. उन्होंने कहा, 'मैं एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी से जुड़ा धर्मनिरपेक्ष नेता हूं और अपने देश के संविधान में विश्वास रखता हूं. मुझे किसी से प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं है. मेरे इलाके के लोग मुझे अच्छी तरह जानते हैं.' सरूरी ने कहा कि वह उन नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने स्पष्ट रूप से आतंकवाद की निंदा की और अपने लंबे राजनीतिक करियर के दौरान एकता तथा अखंडता के लिए काम किया. उन्होंने जिले में पूर्व में हुए साम्प्रदायिक दंगों की एनआईए से विस्तृत जांच करने की भी मांग की.