जम्मू कश्मीर में एक राजनीतिक कार्यकर्ता गुलाम नबी पटेल की आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। लेकिन वो किस राजनीतिक दल से संबंध रखते थे इसको लेकर कांग्रेस और पीडीपी में विवाद हो गया है।
जहां पीडीपी ने उन्हें कांग्रेस नेता करार दिया वहीं कांग्रेस ने उन्हें पीडीपी का नेता बताया। ऐसे में उनकी राजनतिक पार्टी कौन सी थी इसको लेकर विवाद हो गया है। विवाद के बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस ने उन्हें अपनाया है।
ये घटना दक्षिण कश्मीर के राजपुरा इलाके में जिस समय उन पर हमला किया गया उस समय पटेल अपनी कार में जा रहे थे। इस आतंकी हमले में उनके पर्सनल सेक्योरिटी ऑफिसर्स (पीएसओ) भी घायल हो गए हैं।
पटेल को गोली मारने के बाद अतंकवादी पीएसओ की सर्विस रिवॉल्वर लेकर भाग गए।
गोली लगने का बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। उनके दोनों पीएसओ को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और वहां पर उनका इलाज चल रहा है।
इलाके में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है और वहां पर आतंकियों को पकड़ने के लिये सर्च ऑपरेशन चललाया जा रहा है।
पहले राज्य की सीएम महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर उनकी मौत पर दुख जताते हुए उन्हें कांग्रेस का नेता बताया।
कांग्रेस ने भी गुलाम नबी पटेल की हत्या पर गहरा दुख जताया है। साथ ही कांग्रेस ने कहा कि पटेल उनकी पार्टी के नेता नहीं थे वो पीडीपी के नेता थे।
इस बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अगर उन्हें कोई अपना नहीं रहा तो उन्हें एनसी का नेता कह लीजिये।
उन्होंने कहा, 'पटेल साहब की मौत कितनी दुखद है, एक राजनीतिक कार्यकर्ता की आतंकियों ने हत्या कर दी है जिसे कांग्रेस और पीडीपी दोनों अपनाने से इनकार कर रहे हैं। अगर दोनों पार्टियां उन्हें नहीं अपना रही हैं तो उन्हें एनसी का कार्यकर्ता कह लीजिये ताकि उनकी मौत बर्बाद न हो।'
गुलाम नबी पुलवामा के डांगेरपोरा शादीमर्ग के रहने वाले थे।
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Source : News Nation Bureau