logo-image

जम्मू-कश्मीर के हालात पर बोले गुलाम नबी आजाद, 30 साल बाद एक बार फिर BJP नफरत फैला रही

सरकार की ओर से कश्मीर एडवाइजरी जारी करने के बाद घाटी में सियासत तेज हो गई है. जम्मू-कश्मीर के हालात को लेकर शनिवार को कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की.

Updated on: 03 Aug 2019, 05:08 PM

नई दिल्ली:

सरकार की ओर से कश्मीर एडवाइजरी जारी करने के बाद घाटी में सियासत तेज हो गई है. जम्मू-कश्मीर के हालात को लेकर शनिवार को कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, एडवाइजरी की वजह से जम्मू-कश्मीर के लोग डरे हुए हैं. इससे पहले किसी सरकार ने इस तरह से एडवाइजरी जारी नहीं की है. इस दौरान कांग्रेस नेता कर्ण सिंह, जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के प्रभारी अंबिका सोनी, पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम और राज्यसभा सांसद आनंद शर्मा मौजूद रहे.

यह भी पढ़ेंः जम्मू-कश्मीर में हो सकता है बड़ा फिदायीन हमला, सीमा पर BAT हमले की फिराक में पाक: सूत्र

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने आगे कहा, पिछले दिनों में जो घटनाएं हुई हैं उससे जम्मू-कश्मीर और लेह लद्दाख के लोग डरे हुए हैं. 10-15 दिन पहले 35 हजार अतिरिक्त पैरा मिलिट्री फोर्स कश्मीर भेजे गए, जबकि आतंकी घटनाओं के लिहाज से इस साल सबसे कम घटनाएं हुई हैं. सबसे ज्यादा यात्रियों ने अमरनाथ यात्रा की. पर्यटक आ रहे थे. इन सबके बावजूद अतिरिक्त सुरक्षा बल भेजा जाना सबके लिए चिंता का विषय है.

कांग्रेस नेता ने आगे कहा, दस दिन पहले एक एडवाइजरी जारी की गई कि जिलों को पुलिस अधिकारी हथियारों की तैनाती के बारे में बताएं. ऐसा 30 सालों में कभी नहीं हुआ. कल गृह मंत्रालय ने अमरनाथ यात्रा के यात्रियों, पर्यटकों से वापस लौटने को कहा. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था. पहले जब अमरनाथ यात्रा पर हमले हुए तो यात्रा महज कुछ वक्त के लिए सस्पेंड रही. चाहे कोई भी सरकार हो ऐसी एडवाइजरी कभी नहीं आई.

यह भी पढ़ेंः अमरनाथ यात्रियों को एयर लिफ्ट करेगा 'ग्लोबमास्टर', वायुसेना की जम्मू-कश्मीर में बड़ी पहल

उन्होंने आगे कहा, इस एडवाइजरी के बाद हजारों लोग बस स्टैंड, एयरपोर्ट पर हैं. दो-ढाई लाख मजदूर गाड़ियां पकड़ कर वापस आ रहे हैं. केंद्रीय विश्वविद्यालय और एनआईटी (NIT) के छात्रों को बाहर निकाला गया. इससे 1990 की याद ताजा हो गई जब वीपी सिंह की सरकार पर दबाव डाल कर बीजेपी ने जगमोहन को जम्मू-कश्मीर भेजा. इसके विरोध में फारुख अब्दुल्ला ने इस्तीफा दिया और राष्ट्रपति शासन लागू हुआ था. तब ऐसे ही बसों में भर कर कश्मीरी पंडितों जम्मू लाया गया था तब ये कलंक लगा हुआ है.

कांग्रेस नेता ने आगे कहा, 30 साल बाद एक बार फिर बीजेपी डर और नफरत का वैसा ही माहौल बना रही है. लोग कह रहे हैं कि भारत सरकार डर और नफरत फैला रही है. स्नाइपर आदि मिलने की घटनाओं का हवाला दिया जा रहा है, जबकि पहले भी हथियार मिलते रहे हैं. हम सरकार के फैसले की निंदा करते हैं.

यह भी पढ़ेंः हैदराबाद में राजनाथ सिंह बोले- आतंकवाद सभी के लिए आतंकवाद होता है

गुलाम नबी आजाद ने आर्टिकल 35A और आर्टिकल 370 पर कहा, 1927 में महाराज हरि सिंह ने लोगों के कहने पर ये निर्णय दिया कि जम्मू-कश्मीर के निवासी ही राज्य में जमीन खरीद सकते हैं या नौकरियां मिलेंगी. उसी कानून को बाद में 35A का रूप दिया गया. जम्मू-कश्मीर के अलावा उत्तराखंड, हिमाचल और उत्तर पूर्व के आठ राज्य में भी राज्य के बाहर के लोग जमीन नहीं खरीद सकते हैं. इनमें से कई राज्यों में बीजेपी की सरकार है, लेकिन वहां कानून बदलने की बात नहीं हो रही.

उन्होंने आगे कहा, केवल धारा 35A हटाने की बात करते हैं, क्योंकि इससे बीजेपी को वोट मिलते हैं. 370 के प्रावधान से तो जम्मू-कश्मीर भारत से जुड़ा है. उसे खत्म करने से कई और विवाद शुरू हो जाएंगे. कश्मीर के हालत पर हम प्रधानमंत्री से संसद में वक्तव्य की मांग करेंगे.