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राज्यसभा में गुलाम नबी आजाद का विकल्प तलाश रही कांग्रेस, इन नेताओं पर है खास ध्यान

राज्यसभा में गुलाम नबी आजाद का विकल्प तलाश रही कांग्रेस, इन नेताओं पर है खास ध्यान

Updated on: 07 Feb 2021, 09:48 AM

highlights

  • 15 फरवरी को खत्म होगा गुलाम नबी का कार्यकाल
  • विकल्प की तलाश में जुटी कांग्रेस
  • आनंद शर्मा और दिग्विजय सिंह भी हैं दावेदार

नई दिल्ली:

कांग्रेस (Congress) के दिग्गज नेता और राज्यसभा (Rajya Sabha) में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) का कार्यकाल (Tenure) पूरा होने वाला है. गुलाम नबी आजाद का कार्यकाल 15 फरवरी को खत्म हो रहा है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस ने राज्यसभा में गुलाम नबी आजाद के विकल्प की तलाश शुरू कर दी है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी नबी की जगह मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge), आनंद शर्मा (Anand Sharma) या पी. चिदंबरम (P Chidambaram) को दे सकती है. इनके अलावा मध्य प्रदेश के सीनियर लीडर दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) भी इस पद के लिए दावेदार माना जा रहा है.

गुलाम नबी आजाद का कार्यकाल पूरा होने के बाद राज्यसभा में जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir) का कोई भी प्रतिनिधि (Representative) नहीं होगा. बता दें कि राज्य सभा में केंद्र शासित प्रदेशों (Union Territory) के चारों सदस्यों का कार्यकाल पूरा होने वाला है. वर्तमान में यहां कोई निर्वाचित विधानसभा नहीं है, लिहाजा जब तक जम्मू और कश्मीर में चुनाव नहीं होते, राज्य सभा में इनका कोई प्रतिनिधि नहीं होगा.

जम्मू और कश्मीर से गुलाम नबी आजाद के अलावा पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (Jammu and Kashmir Peoples Democratic Party) के दो अन्य सांसद नजीर अहमद लावे (Nazir Ahmad Laway) का कार्यकाल 10 फरवरी और मीर मोहम्मद फैयाज (Mir Fayaz Ahmad) का कार्यकाल 15 फरवरी को पूरा हो रहा है. इनके अलावा भारतीय जनता पार्टी (BJP) के शमशेर सिंह मन्हास (Shamsheer Singh Manhas) का कार्यकाल भी 10 फरवरी को खत्म हो रहा है.

बताते चलें कि कांग्रेस का पूरा ध्यान फिलहाल इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों (Assembly Elections) पर है. पश्चिम बंगाल, केरल, असम, पुडुचेरी और तमिलनाडु में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं. कांग्रेस ने कई राज्यों में चुनाव की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं. खुद राहुल गांधी अलग-अलग राज्यों के दौरे कर रहे हैं और जनता लुभाने के लिए केंद्र सरकार की कमजोरियों और खामियों को गिना रहे हैं. कांग्रेस पार्टी किसान आंदोलन को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर लगातार हमला बोल रही है.