यूपी चुनाव से पहले प्रियंका गांधी ने एक बड़ा दांव चला है, आने वाले विधानसभा चुनाव में चालीस फीसदी महिलाओं को टिकट देने का। बेशक यह ऐलान किसी भी राजनीतिक पार्टी के लिए बड़ा ऐलान है औऱ अगर यह दूसरी पार्टियों के लिए भी नजीर बने, तो राजनीति की दशा और दिशा बदल जाएगी. लेकिन बड़ा सवाल है कि एक्स फैक्टर तलाश रही कांग्रेस के लिए क्या इस फैसले में वो नज़र आ रहा है या फिर सबसे बड़े राज्य में अपनी ज़मीन खो चुकी कांग्रेस का यह सिर्फ चुनावी गिमिक बनकर रह जाएगा। पिछले दो ढाई साल से प्रियंका गांधी यूपी के मैदान में मेहनत कर रही है, लेकिन चुनावी जंग जीतने के लिए सबसे जरूरी होता है, ज़मीन पर संगठन की मौजूदगी जो कांग्रेस के पास नदारद है. शायद इसीलिए कांग्रेस औऱ टीम प्रियंका को एक्स फैक्टर की तलाश है, जो संगठन की इसी कमजोरी को दरकिनार कर उन्हें चुनावी मुकाबले में बढ़त दिला सके.
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चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक 2017 में यूपी के विधानसभा चुनाव में कुल मतदान प्रतिशत 61.04 था. पुरुष मतदाताओं का मतदान प्रतिशत 59.15 रहा था, जबकि महिलाएं पुरुषों की तुलना में ज्यादा मतदान करने निकली थीं औऱ महिला मतदाताओं का मतदान प्रतिशत 63.31 रहा था. तब चुनावी पंडितों ने बीजेपी की बंपर जीत में महिलाओं भूमिका को अहम वजह माना थी, क्योंकि ये माना गया कि केंद्र की उज्ज्वला योजना जैसे महिला केंद्रित योजनाओं ने महिला मतदाताओं को बीजेपी की तरफ आकर्षित किया था। यूपी में करीब 15 करोड़ मतदाता हैं, करीब आठ करोड़ पुरुष औऱ 7 करोड़ के आसपास महिला मतदाता हैं. कांग्रेस ने महिला मतदाताओं के इसी आंकड़े में अपना एक्स फैक्टर तलाश रही है. पिछली बार की तरह कांग्रेस का किसी भी क्षेत्रीय पार्टी के साथ गठबंधन नहीं है औऱ पूरी 403 सीटों पर मैदान खाली है.
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सालों से यूपी की सत्ता से बाहर कांग्रेस की कमान इस बार राज्य में प्रियंका गांधी के हाथों में है औऱ कांग्रेस के पास इस बार अभी नहीं तो कभी नहीं वाली स्थिति है. जाति और धर्म के ताने बाने में उलझे यूपी राज्य की सियासत का समीकरण यूं भी जटिल है, ऐसे में जेंडर पॉलिटिक्स का यह दांव क्या असरदार हो पाएगा, यह बड़ा सवाल है. इसके अलावा बड़ी मुश्किल कांग्रेस के लिए भी होगी वो महिला उम्मीदवारों की तलाश होगी, जो मजबूत औऱ जिताऊ हों. हालांकि एक्स फैक्टर तलाशते कांग्रेस के इस दांव की मुश्किलों से पार्टी को दूसरे राज्यों में भी दो चार होना पड़ेगा, क्योंकि आधी आबादी का सवाल तो वहां भी होगा.
Source : Kapil Sharma